अमित शाह ने पश्चिम बंगाल सरकार पर सीमा सुरक्षा में सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार की निष्क्रियता के कारण घुसपैठ की समस्या बढ़ी है। उन्होंने सीमा पर बाड़ लगाने में सहयोग की कमी और घुसपैठियों को नागरिकता दिलाने के कथित प्रयासों पर तीखी आलोचना की।
बंगाल सरकार नहीं दे रही भूमि
उन्होंने कहा, “बांग्लादेश से सटी हुई भारत की सीमा 2,216 किमी है। इनमें 1,653 किलोमीटर बाड़ लग चुका है, जबकि 563 किलोमीटर आज भी खुला है। इसमें 112 किलोमीटर सीमा नदी, पहाड़ आदि से निर्धारित है, जहां बाड़ लग ही नहीं सकता। शेष 450 किलोमीटर की बाड़बंदी का काम इसलिए लंबित है क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार इसके लिए भूमि नहीं दे रही है। केंद्रीय गृह सचिव बंगाल के मुख्य सचिव के साथ सात बैठकें कर चुके हैं। जब भी बाड़बंदी का काम होता है, तो सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता गुंडागर्दी करते हैं और धार्मिक नारे लगाते हैं।” पहले असम के रास्ते अब बंगाल के रास्ते भारत में घुस रहे घुसपैठिए
गृह मंत्री ने कहा, “बांग्लादेशी घुसपैठिए हों या रोहिंग्या, पहले वे असम के रास्ते भारत में घुसते थे, जब कांग्रेस वहां सत्ता में थी। अब वे पश्चिम बंगाल के रास्ते घुसते हैं, जहां तृणमूल कांग्रेस सत्ता में है। उन्हें आधार कार्ड, नागरिकता कौन देता है? पकड़े गए सभी बांग्लादेशियों के पास 24 परगना जिले के आधार कार्ड हैं। आप (तृणमूल) आधार कार्ड जारी करते हैं और वे वोटर कार्ड लेकर दिल्ली आते हैं। साल 2026 में पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी और हम इस पर लगाम लगाएंगे। केवल बंगाल सरकार की दया के कारण घुसपैठिये देश में हैं।”
अमित शाह ने कहा कि यह विधेयक देश की सुरक्षा और नागरिकता व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जरूरी है। लोकसभा में विधेयक के पारित होने के बाद यह अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इस विधेयक के जरिए सरकार का लक्ष्य अवैध आव्रजन पर रोक लगाना और विदेशी नागरिकों के प्रवेश को नियंत्रित करना है।