नागौर. शारदा बाल निकेतन में रविवार को राष्ट्रभक्ति व सांस्कृतिक संध्या के नवोन्मेष कार्यक्रम में प्रख्यात भजन गायक प्रकाश माली के भजनों के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां ेकी गई। इस दौरान जहां स्वालम्बन, शिक्षा एवं संस्कार पर हुआ उद्बोधन लोगों को उत्प्रेरित करता नजर आया, वहीं भैया-बहनों की ओर से सामूहिक घोषवादन की प्रस्तुति से पूरा माहौल बदला नजर आया। कार्यक्रम में भजन गायक प्रकाश माली ने भारत का बच्चा-बच्चा बोलेगा जय सियाराम बोलेगा की प्रस्तुति की तो कार्यक्रम स्थल तालियों की गडगड़़ाहट से गूंज उठा। इसी क्रम में माली की ओर से किए गए मंगल भवन अमंगलहारी का
संगीतमय प्रस्तुतिकरण से पूरा माहौल बदला नजर आया
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलवन के साथ हुई। भैया-बहिनों ने शास्त्रीय नृत्य एवं गायन के साथ पूजनीय है परम पूज्या सतचित आनन्द मां की प्रस्तुति की। इसके पश्चात भैया-बहिनों ने सामूहिक रूप से घोष वादन किया। सामूहिक घोष वादन के सुर से कार्यक्रम में मौजूद लोग मुग्ध नजर आए। कार्यक्रम में भैया व बहिनों की ओर से बाड़मेर के शहीद भीकाराम मूंग के कारगिल युद्ध में बलिदानसे संबंधित एकांकी का मंचन भावप्रवण रहा। कार्यक्रम में संत कृपाराम ने कहा के संस्कार के बिना मनुष्य प्रगति नहीं कर सकता है। संस्कार ही आगे नैतिकता के साथ आगे बढऩे के लिए प्रेरित करने का कार्य करते हैं। संस्कर विहीन मानव तो केवल पशु के समान ही होता है। पहला संस्कार माता-पिता से मिलता है, फिर शिक्षक यानि की गुरु से। गुरु ही शिष्य को संस्कारयुक्त शिक्षा प्रदान कर उसे प्रगति के मार्ग पर आगे ले जाता है । उन्होंने कहा कि जो माता-पिता अपने बच्चों को भाग्य के भरोसे छोड़ देते हैं। वह अधम श्रेणी में आते हैं। जो माता-पिता अपने बच्चों को केवल सुख सुविधा प्रदान करते हैं वे मध्यम श्रेणी में आते हैं, और ा अपने बच्चों को संस्कार देने वाले माता-पिता ही महान की श्रेणी में आते हैं। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जोधपुर प्रांत प्रचारक योगेंद्र ने कहा कि भारत ज्ञान का अथाह भंडार है।देश विश्व में ज्ञान-विज्ञान में अग्रणी रहा है। विश्व गुरु भारत का गौरवशाली अतीत हमें स्वर्णिम इतिहास बताता है। भारतीय समाज में स्वाभिमान स्वावलंबन भाव को जगाने के लिए अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया। आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए सब को सहयोग करना चाहिए। विद्या भारती राजस्थान क्षेत्रीय संगठन मंत्री शिव प्रसाद शिक्षा पर संबोधन करते हुए कहा कि शिक्षा में समग्रता होनी चाहिए। शिक्षा यानि की यह ज्ञान के विस्तार का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि प्रांरभिक स्तर पर शिक्षा मजबूत होगी तो फिर निश्चित रूप से उच्च शिक्षा भी सुदृण होगी। इस दौरान भैया-बहिनों की ओर से स्वर साधना का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। भजनों की शृंखला में गायक प्रकाश माली ने परिवार प्रबोधन पर शानदार भजनों की प्रस्तुति के साथ ही महाराणा प्रताप पर सुप्रसिद्ध भजन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में अंबुजा सीमेंट के प्रशांत रंगा मौजूद थे। अध्यक्षता राष्ट्रीय महामंत्री महर्षि नवल संप्रदाय आचार्य आत्माराम गुजराती ने की। विशिष्ट अतिथि विद्यालय के पूर्व छात्र प्रबंध निदेशक राजस्थान रोडवेज नथमल डिडेल थे।
सुनने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी
कार्यक्रम में भजनों के साथ राष्ट्रभक्ति पर आधारित गीतों को सुनने के लिए हजारों की संख्या में कार्यक्रम स्थल पर लोगों की भीड़ उमड़ी। कार्यक्रम में पहुंचने के लिए कुल दो प्रवेशद्वार थे,जबकि कार्यक्रम के समापन पर निकलने के लिए चार प्रवेशद्वार बने थे। अत्याधिक भीड़ को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम स्थल में लोगों के आने एवं समापन पर निकलने के दौरान देखरेख के लिए स्वंयसेवक लोगों की मदद करते नजर आए।
धर्मरथ पर बैठा नजर आया संत समाज
कार्यक्रम स्थल में मंचासीन संत समाज धर्मरथ पर बैठा नजर आया। यहां पर महंत मुरलीराम महाराज, संत कृपाराम महाराज, महंत जानकीदास, स्वामी कुशालगिरी महाराज, सूरजनाथ, आदि मौजूद थे।
गणित विज्ञान की लगी प्रदर्शनी
कार्यक्रम स्थल पर सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया था। यहां पर आने वाले कइयों ने सेल्फी खींची। इस दौरान यहां पर गृह विज्ञान, गणित आदि की लगाई प्रदर्शनी विद्यार्थियों के आकर्षण का केन्द्र बनी रही। इसमें गणित विषय के समतलीय आकृतिए पैसों का विकास, ठोस आकृति, पाइथागोरस प्रमेय, कोणों के प्रकार आदि प्रदर्शित किए। विज्ञान विषय में स्वचालित रोड लाइट का प्रदर्शन किया गया। मानव अंग संरचना को कागज की विभिन्न परतों के माध्यम से व्यक्त किया ।