कैसे हुआ हादसा?
पीड़ित बच्ची आरोही अपने परिवार के साथ एक धार्मिक यात्रा से लौट रही थी। वे विजयपुरा-रायचूर पैसेंजर ट्रेन से होसनल तालुका स्थित अपने गांव वापस जा रहे थे। जब ट्रेन सोलापुर के होटगी गांव के क्षेत्र से गुजर रही थी, तभी अज्ञात व्यक्ति ने चलती ट्रेन पर पत्थर फेंका। दुर्भाग्यवश, पत्थर सीधे खिड़की के पास बैठी आरोही के सिर पर आकर लगा। टिकेकरवाड़ी सोलापुर शहर के पास स्थित एक छोटा रेलवे स्टेशन है। कर्नाटक से आई विजयपुरा-रायचूर पैसेंजर ट्रेन टिकेकरवाड़ी स्टेशन से रवाना हुई। तब आरोही खिड़की के पास बैठी थी।
पत्थर का वार इतना तेज था कि मासूम बच्ची के सिर से खून बहने लगा। घबराए माता-पिता तुरंत उसे सोलापुर के सरकारी अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पिता का दर्द छलका
अस्पताल में बेटी को खो चुके आरोही के पिता का विलाप हर किसी की आंखें नम कर गया। रोते हुए आरोही के पिता ने कहा, “ए पप्पा… ए पप्पा… कहती रही मेरी बेटी… मेरी जान चली जाती तो भी चलता, पर मेरी बेटी क्यों… “
जांच में जुटी पुलिस
इस घटना ने रेलवे सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी गई है। इससे पहले जनवरी के पहले हफ्ते में मुंबई-सोलापुर वंदे भारत एक्सप्रेस पर भी पत्थरबाज़ी की घटना सामने आई थी।