आदिती तटकरे ने बताया कि ‘नमो शेतकरी योजना’ के तहत जिन महिलाओं को पहले ही 1000 रुपये की सहायता राशि मिलती है, उन्हें लाडकी बहीन योजना से 500 रुपये ही मिलेंगे। यह नियम योजना के पहले से ही निर्धारित नियमों में से एक है।
उन्होंने कहा कि यदि कोई मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना (Mukhyamantri Ladki Bahin Yojana) से जुड़ा पिछले साल जारी किया गया दो जीआर पढ़ेगा, तो उसे सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। सरकार की मंशा यही है कि गरीब महिलाओं को कम से कम 1500 रुपये प्रति माह की सहायता मिले, चाहे वो नमो शेतकरी योजना से हो या लाडकी बहीन योजना से।
आदिती तटकरे ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना के लाभार्थियों की संख्या अब 2 करोड़ 47 लाख तक पहुंच गई है। जब अक्टूबर 2024 में विधानसभा चुनाव से पहले योजना का आखिरी लाभ दिया गया था, तब यह संख्या 2 करोड़ 33 लाख थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि योजना को पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से लागू किया जा रहा है, और केवल उन्हीं महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है, जो वास्तव में पात्र हैं। लाभार्थी महिलाओं से जुड़े किसी भी नियम को बदला नहीं गया है।
क्यों नहीं मिलेंगे 1500 रुपये?
लाडली बहना योजना (लाडकी बहीण योजना) की शर्तों के अनुसार, कोई भी लाभार्थी एक ही समय में दो सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले सकता है। ऐसे में जिन महिलाओं को महाराष्ट्र की नमो शेतकरी योजना और केंद्र सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि के तहत पहले से सालाना 12,000 रुपये मिल रहे हैं, उन्हें अब लाडली बहन योजना के तहत केवल बाकी बचे 6000 रुपये (सालाना) ही मिलेंगे। इसका मतलब है कि इन लाडली बहनों को हर महीने 500 रुपये की सहायता ही दी जाएगी।
अप्रैल की किस्त कब मिलेगी?
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहन योजना जुलाई 2024 से लागू है। इस योजना की पात्र लाभार्थी महिलाओं को अब तक 1500 रुपये प्रति माह के हिसाब से 9 महीनों के कुल 13,500 रुपये मिल चुके हैं। जहां तक अप्रैल महीने की दसवीं किस्त की बात है, तो यह 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन पात्र महिलाओं के खातों में ट्रांसफर की जा सकती है। इससे पहले, योजना की फरवरी और मार्च की आठवीं और नौवीं किस्त को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर 8 से 15 मार्च के बीच जारी किया गया था।