बाबूजी! नाबालिग बच्ची को जबरन उठा ले गए गुंडे और अब दे रहे धमकी
– बेटे के साथ चौथी बार पुलिस अधीक्षक कार्यालय आई मां ने रोया दुखड़ा
– कहा: पुलिस थाने की महिला उप निरीक्षक ने ले लिए हैं आरोपियों से पैसे, इसलिए पुलिस नहीं कर रही सुनवाई
– ये कैसी जनसुनवाई, ज्यादातर पीडि़त कई बार दे चुके हैं आवेदन फिर भी नहीं हो रही कार्रवाई
मुरैना. बाबूजी! मेरी नाबालिग बेटी को गुंडा मेरी आंखों के सामने से उठा ले गए। रिपोर्ट की तो बेटे को पकडकऱ अपने गांव ले गए और धमकी दी कि रिपोर्ट वापस ले ले, नहीं तो तुझे जान से मार देंगे, यह कहना था बानमोर निवासी पीडि़त मां का, जो मंगलवार को जनसुनवाई में अपने बेटे के साथ एसपी ऑफिस में आवेदन लेकर आई थी। पीडि़त मां का कहना है कि पारी गांव के कल्लू, ऋषिकेश, छोटू व सीमा 16 फरवरी को मेरी आंखों के सामने बेटी को जबरन बाइक पर बैठाकर ले गए। मेरा बेटा ट्रक पर गया था। उसके लौटने पर 18 फरवरी को बानमोर थाने में मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला तो दर्ज किया है, परंतु गुंडों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही। महिला रोजाना बानमोर थाने जा रही है लेकिन उप निरीक्षक मेघा सोनी हर बार आश्वासन देकर वापस कर देती है। महिला का आरोप है कि गुंडों ने बानमोर थाना पुलिस को पैसा खिला दिया है इसलिए पुलिस को आरोपियों के नाम भी बताए और यह बताया कि मेरी बच्ची पारी गांव में आरोपियों के पास है। जब से आरोपियों के नाम बताए हैं तब से पुलिस तो कार्रवाई नहीं कर रही लेकिन आरोपी किसी न किसी के माध्यम से आए दिन धमकी दे रहे हैं। पीडि़त मां का कहना हैं कि जब से बच्ची का अपहरण हुआ है तब से रोजाना बानमोर थाने जा रहे हैं और चौथी बार पुलिस अधीक्षक कार्यालय आए हैं, कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। लडक़ी के अपहरण का मामला ही नहीं, एसपी ऑफिस में और भी अधिकांश मामला ऐसे आए जिनमें पीडि़त पूर्व में कई बार आवेदन दे चुके हैं, हर बार संबंधित थाना प्रभारी को आवेदन मार्क कर दिया जाता है। थाना स्तर पर कोई सुनवाई नहीं होती है। अगर थाना स्तर पर सुनवाई हो जाए तो लोगों को एसपी ऑफिस आने की आवश्यकता ही नहीं पड़े। वहीं जनसुनवाई में पुलिस अधीक्षक नहीं बैठते हैं, यहां डीएसपी, थाना प्रभारियों को आवेदन लेने के लिए बैठा दिया जाता है।
डेढ़ साल से चक्कर लगा रहू हूं, पुलिस पैसा मांगती है सिहोनियां थाना क्षेत्र के गोपी निवासी सुरेन्द्र सिंह ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आवेदन दिया है। उनकी जमीन का विवाद है। पुलिस पैसा मांग रही है। पिछले डेढ़ साल से चक्कर लगा रहू हैं, कोई सुनवाई नहीं हो रही है। राजस्व विभाग आदेश कर चुका है लेकिन पुलिस मदद नहीं कर रही है।
पट्टे की जमीन पर कब्जा दिलाने पुलिस ने लिए 17 हजार सिहोनियां थाना क्षेत्र के पांचोली गांव निवासी नरोत्तम सिंह ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन दिया है। नरोत्तम ने बताया कि मैं पांचवी बार जनसुनवाई में आया हूं, हर बार आश्वासन मिलता है। सिहोनियां पुलिस ने 17 हजार रुपए ले लिए और फिर भी पट्टा जमीन को मुक्त नहीं कराया है।
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