15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद
करीब एक महीने से मेरठ प्रशासन कथा के इंतजामों की तैयारियों की समीक्षा कर रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर विपिन ताड़ा का कहना है कि कथा में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं को कथा की वजह से शहरवासियों को परेशानी ना हो इसके लिए रूट प्लान भी तैयार किया गया है। आयोजकों के अनुसार कथा में पांच राज्यों के लाखों श्रद्धालुओं की पहुंचने की उम्मीद जताई गई है। उसी अनुसार तैयारियां भी की गई हैं।
ये रहेगा रूट प्लान
कथा को लेकर जो रूट प्लान तैयार किया गया है उसके मुताबिक दिल्ली-गाजियाबाद की ओर से आने वाले सभी श्रद्धालु दिल्ली रोड से शिप्राक्स मॉल होते हुए बिजली बंबा पुलिस चौकी के सामने से लोहिया नगर होते हुए सेंट फ्रांसिस स्कूल तक आएंगे और यहां से बाये मुड़कर गुर्जर चौक पहुंच जाएंगे। यहां तीन, चार, पांच नंबर पार्किंग होगी। इसी तरह से मुरादाबाद और गढ़मुक्तेश्वर से आने वाले लोग और किठोड़ की ओर से आने वाले लोग काली नदी पार करके रिंग रोड कट से बायें मुड़ जाएंगे और पार्किंग नंबर 6 तक जा सकेंगे। इसी तरह से सहारनपुर और मुजफ्फरनगर शामली बागपत और हरिद्वार की ओर से आने वाले साथ ही रुड़की की ओर से आने वाले सभी श्रद्धालु तेजगढ़ी चौराहे से सीधे आनंद हॉस्पिटल के सामने होते हुए हिना रोड कट से कीर्ति पैलेस पुलिया और गाजीपुर गोल चक्कर से पार्किंग नंबर दो तक पहुंचेंगे। इसी तरह से हापुड़ और बुलंदशहर की ओर से आने वाले श्रद्धालु बाइपास रॉयल पैलेस के सामने से कट से मुड़कर उधम सिंह चौक रॉयल पैलेस लोहिया नगर सब्जी मंडी कट से दाहिने मुड़कर गुर्जर चौक शिव मंदिर पुलिया से होकर आएंगे। 44 भी वहीं पीएसी वाहिनी से दाहिने मुड़ना होगा इन लोगों को और फिर जुबेदा मस्जिद के बराबर से होकर गुर्जर चौक होते हुए पार्किंग नंबर तीन चार पांच पर पहुंचेंगे।
सपा विधायक को सांसद की नसीहत
धीरेंद्र शास्त्री की कथा को लेकर समाजवादी पार्टी के विधायक ने सवाल उठाया है। इस पर राज्यसभा सांसद डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेई ने कहा है कि मेरठ में धीरेंद्र शास्त्री की कथा का सुंदर और भव्य आयोजन होने जा रहा है। इस पर समाजवादी पार्टी के विधायक सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्म और राजनीति को अलग-अलग रखना चाहिए। कथा पर राजनीति करने वालों को मैं कहना चाहता हूं कि वह धर्म को राजनीति में ना मिलाएं। राजनीतिक और धर्म अलग-अलग रखें। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी लोग कथा सुनने आ रहे हैं वह पूरे श्रद्धा भाव से आए हिंदू बनकर आए अगर उनको राजनीति करनी है तो कथा सुनने ना आए।