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पश्चिमी विक्षोभ का असर शुरू
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के असर से प्रदेश की हवा प्रणाली में बदलाव होगा। पूर्वा और पछुआ हवाओं की टकराहट से बादल छाएंगे और बारिश की तीव्रता के साथ दायरा भी बढ़ेगा।
तेज़ हवाओं और बारिश का अलर्ट
विशेषज्ञों के मुताबिक जिन इलाकों में बारिश होगी वहां 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी। कहीं-कहीं वज्रपात की भी संभावना है। चेतावनी दी गई है कि खुले मैदानों या पेड़ों के नीचे न रुकें और घरों में सुरक्षित रहें। यह भी पढ़ें
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तापमान में गिरावट, लेकिन रातें गर्म
बारिश के इस दौर के कारण दिन के तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है। हालांकि, रात का तापमान बढ़ सकता है, क्योंकि बादलों के कारण गर्मी सतह के पास ही बनी रहेगी।कहां-कहां होगी बारिश
आंचलिक केंद्र द्वारा जारी किए गए अलर्ट के अनुसार जिन जिलों में गरज-चमक और वज्रपात के साथ बारिश की संभावना है, वे हैं:प्रतापगढ़, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या आदि। यह भी पढ़ें
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राहत या नई चुनौती
जहां एक ओर यह बारिश अप्रैल की तेज धूप और लू से आमजन को राहत दे सकती है, वहीं दूसरी ओर कृषि क्षेत्र के लिए यह बारिश मिली जुली साबित हो सकती है। इस समय आम, लीची और गेहूं की फसलें संवेदनशील स्थिति में हैं। तेज़ हवाएं और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हो सकता है।कानपुर की गर्म रात ने तोड़ा रिकॉर्ड
इस मौसमीय बदलाव के पहले, कानपुर में 9 अप्रैल की रात ने 54 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। सीएसए के मौसम विभाग के मुताबिक, इस दिन रात का न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि पिछले पांच दशकों में सबसे अधिक है। विभाग के तकनीकी अधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि इससे पहले 2006 में न्यूनतम तापमान 22.5 डिग्री दर्ज हुआ था। यह अचानक बढ़ा तापमान हवा में मौजूद नमी और बादलों की उपस्थिति के कारण हुआ। यह भी पढ़ें
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आने वाले दिनों में लू का खतरा
विभाग ने संकेत दिए हैं कि अगले 3 से 4 दिन उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में लू चल सकती है। खासकर बुंदेलखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और अवध क्षेत्र के जिलों में दिन के तापमान में तेजी देखी जाएगी। बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाएं बादलों के निर्माण में सहायक बन रही हैं, जिससे आने वाले दिनों में गर्मी और उमस दोनों बढ़ सकती हैं।
सलाह
- किसान अपनी फसलों को तेज हवाओं से बचाने के लिए समय रहते व्यवस्था करें।
- बुजुर्ग और बच्चों को बाहर निकलने से बचाएं।
- खुले आसमान के नीचे या पेड़ों के नीचे न रहें।
- अगर वज्रपात हो रहा हो, तो मोबाइल फोन या धातु के उपकरण का प्रयोग बंद कर दें।
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