scriptUP BJP District Presidents: 18 विधायकों के कारण अटकी है भाजपा जिलाध्यक्षों की सूची, प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में भी देरी | UP BJP District Presidents: The list of BJP district presidents is stuck due to 18 MLAs, the election of state president and national president is also delayed | Patrika News
लखनऊ

UP BJP District Presidents: 18 विधायकों के कारण अटकी है भाजपा जिलाध्यक्षों की सूची, प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में भी देरी

UP BJP District Presidents: भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव उत्तर प्रदेश के कारण अटका पड़ा है। दरअसल उत्तर प्रदेश में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो सका है और उससे भी पहले जिलाअध्यक्षों की घोषणा होनी है।

लखनऊMar 13, 2025 / 06:11 pm

ओम शर्मा

BJP President List
UP BJP District Presidents: सूत्रों के अनुसार सूची तैयार पड़ी है लेकिन संगठन के भीतर गहरे मतभेदों और वैचारिक शुद्धता के नाम पर चल रही जद्दोजहद के कारण अटकी हुई है।

वैचारिक शुद्धता पर संघ का जोर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का स्पष्ट मत है कि जिला अध्यक्ष वही बने, जिसकी निष्ठा संगठन और विचारधारा के प्रति अटल हो, न कि किसी व्यक्ति विशेष के प्रति। चूंकि यूपी में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में संघ को आशंका है कि अगर सांसदों और विधायकों के चहेते जिला अध्यक्ष बनते हैं, तो उनकी वफादारी चुनाव के समय संदिग्ध हो सकती है। कई भाजपा विधायक और सांसद ऐसे हैं, जो पहले समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) या कांग्रेस में रह चुके हैं। ऐसे नेताओं की संख्या 18 है. ऐसे में अगर टिकट कटने की नौबत आती है, तो ये नेता अपनी पुरानी पार्टी में भी वापसी कर सकते हैं।
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भाजपा बनाम संघ: दांव-पेच जारी

पार्टी के कई विधायक और सांसद अपने करीबी नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं, लेकिन संघ का साफ रुख है कि ऐसे लोगों को संगठन में जगह न मिले, जिनकी वफादारी संदिग्ध हो सकती है। इसी वैचारिक असहमति के चलते जिलाध्यक्षों की सूची अब तक अटकी हुई है।
संघ चाहता है कि पार्टी के जिलाध्यक्ष वे लोग हों, जो भाजपा की विचारधारा से गहराई से जुड़े हुए हों और जिनकी संगठन के प्रति प्रतिबद्धता पर कोई संदेह न हो। यही कारण है कि इस मुद्दे पर सहमति बनाने में कठिनाई आ रही है।

प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति पर असर

भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसका फैसला भी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद ही होगा। संगठन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में जितनी देरी हो रही है, प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति भी उतनी ही लंबी खिंच सकती है। चूंकि संगठन में मतभेद स्पष्ट रूप से नजर आ रहे हैं, ऐसे में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को संतुलन बनाकर चलना होगा।
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भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व और संघ के शीर्ष पदाधिकारी इस मसले को जल्द सुलझाने की कोशिश में लगे हुए हैं। पार्टी के लिए यह जरूरी है कि जिलाध्यक्षों की सूची पर अंतिम मुहर जल्द लगे, ताकि प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ सके फिलहाल, भाजपा और संघ के बीच इस वैचारिक समायोजन की चुनौती ने संगठनात्मक नियुक्तियों को जटिल बना दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा किस तरह इस अंतर्द्वंद्व को सुलझाकर अपने संगठन को मजबूत करती है।

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