यूपी में सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा बदलाव, अब हर काम ऑनलाइन
क्या है पूरा मामला
- ऊंचाहार तहसील क्षेत्र के बिजली विभाग कार्यालय में कार्यरत संविदा कर्मचारी सूरज भान से SDO इंदु शेखर ने जबरन उठक-बैठक करवाई।
- SDO राजस्व वसूली की धीमी गति से नाराज थे।
- उपभोक्ताओं की संख्या के मुकाबले राजस्व कम आने पर उन्होंने संविदा कर्मचारी को दोषी ठहराया।
- सजा के रूप में ऑफिस के अंदर ही उठक-बैठक कराने लगे।
- किसी ने इस घटना का वीडियो बना लिया और इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
वीडियो वायरल होते ही मचा हड़कंप
- सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही बिजली विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। घटना को लेकर बिजली विभाग के कर्मचारी संघ ने कड़ी नाराजगी जताई और SDO के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
- संविदा कर्मचारी सूरज भान ने बताया कि उसे बेवजह प्रताड़ित किया गया।
- कर्मचारी यूनियन ने धमकी दी कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे।
- स्थानीय लोगों और राजनीतिक संगठनों ने भी इस घटना की आलोचना की।
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प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
- बवाल बढ़ता देख ऊंचाहार के SDM ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
- प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यदि SDO दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
- इस घटना से संविदा कर्मचारियों में भय और आक्रोश व्याप्त है।
- बिजली विभाग के उच्च अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
SDO का बचाव, कहा- यह अनुशासन का हिस्सा था
- मामले में SDO इंदु शेखर ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि यह एक अनुशासनात्मक कार्रवाई थी।
- उन्होंने दावा किया कि संविदा कर्मचारी बार-बार लापरवाही कर रहा था।
- राजस्व वसूली में कोताही बरतने के कारण सिर्फ चेतावनी देने के लिए यह कदम उठाया गया।
- उनका कहना है कि यह मुद्दा बेवजह तूल दिया जा रहा है।
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कर्मचारियों में गुस्सा, धरना-प्रदर्शन की चेतावनी
- बिजली विभाग के कर्मचारियों में इस घटना को लेकर भारी रोष है। संविदा कर्मचारियों ने SDO के निलंबन की मांग की है।
- अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो कर्मचारी यूनियन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे रही है।
- कर्मचारियों का कहना है कि संविदा कर्मियों के साथ अमानवीय व्यवहार अब सहन नहीं किया जाएगा।
- ऊंचाहार के अन्य सरकारी विभागों में भी इस घटना की कड़ी निंदा की जा रही है।
SDO के खिलाफ हो सकती है सख्त कार्रवाई
- प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और जल्द ही कोई कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
- वीडियो में SDO की हरकत साफ नजर आ रही है।
- अगर जांच में दोषी पाए जाते हैं, तो निलंबन या स्थानांतरण की कार्रवाई संभव है।
- यूपी सरकार भी इस मामले पर नजर बनाए हुए है।
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क्या कहते हैं विशेषज्ञ
- कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक गंभीर श्रम कानून उल्लंघन है। संविदा कर्मचारी के साथ इस तरह का व्यवहार नैतिक और कानूनी रूप से गलत है।
- कर्मचारी को मानसिक प्रताड़ना देना मानवाधिकार का उल्लंघन है।
- श्रम कानूनों के तहत किसी भी कर्मचारी के साथ इस तरह का व्यवहार अपराध की श्रेणी में आता है।
- पीड़ित सूरज भान कानूनी कार्रवाई भी कर सकते हैं।
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यह मामला क्यों महत्वपूर्ण है
- यह मामला सिर्फ एक संविदा कर्मचारी के उत्पीड़न का नहीं, बल्कि सिस्टम में गहराई तक बैठे अहंकार और हिटलरशाही का भी संकेत देता है।
- सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के साथ किस तरह का व्यवहार कर रहे हैं, यह इसका उदाहरण है।
- अगर यह मामला दब गया, तो आगे भी इसी तरह की घटनाएं होती रहेंगी।
- सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।