पिछले साल के मामलों से लिया सबक
पिछले साल तीर्थयात्रियों के बीमार होने के 34 हजार से ज्यादा मामले सामने आए थे। ज्यादातर मेडिकल इमरजेंसी के केस थे। एक हजार से ज्यादा मरीजों को एम्बुलेंस और 90 मरीजों का हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू करना पड़ा था। इसे देखते हुए इस साल स्वास्थ्य मित्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है। राज्य के सभी धाम और मंदिर काफी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हैं। ऑक्सीजन की कमी और दुर्गम भौगोलिक हालात का मुकाबला करने के लिए शारीरिक क्षमता मजबूत होना जरूरी है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि यात्रा से पहले ही उच्च जोखिम वाले तीर्थयात्रियों की पहचान से उन्हें मेडिकल सहायता देना आसान होगा। इस साल केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में दो नए अस्पताल खोले जा रहे हैं। केदारनाथ में 17 और बद्रीनाथ में 45 बेड के अस्पताल में यात्रियों को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा देने के लिए 25 विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात रहेंगे।