मार्च माह के तीसरे सप्ताह से रुक-रुककर आने वाली यह मंदी नए वित्तीय वर्ष के पहले सप्ताह तक एक हजार से बाइस सौ रुपए क्विंटल तक पहुंच चुकी है। रामगंजमंडी कृषि उपज मंडी में एमपी के सात जिलों, चितौड़ जिले के कुंडाल व आसपास के इलाकों के साथ हाड़ौती संभाग से धनिया की आवक होती है। अन्य मंडियों के व्यापारी भी वहां खरीदे जाने वाले धनिया को ट्रकों के जरिए लदान करके इस मंडी में बेचने आते हैं। कृषि उपज मंडी में धनिया की आवक का सिलसिला अब कमजोर जरूर हुआ है, लेकिन अभी भी यहां प्रतिदिन 30 हजार बोरी तक आवक बनी हुई है।
मंडी में प्रतिदिन 25 हजार बोरी से ज्यादा धनिया बिक भी रहा है, लेकिन किसानों के आने वाले अधिकांश धनिया में रंगदार व मीडियम रंगदार ज्यादा होता है। मंडी में जो धनिया 9 हजार से दस से 11 हजार रुपए तक बिक रहा था, ऐसे मीडियम धनिया में एक हजार व 15 हजार से 16 हजार रेंज वाले धनिया में करीब दो हजार दो सौ रुपए की मंदी देखने में आई है। मंडी में शनिवार को तीस हजार बोरी धनिया आया, जिसमें 28 हजार बोरी की बिक्री हुई। लेवाली में जोश नहीं होने से भाव में कोई विशेष अंतर देखने को नहीं मिला।
मंडी में ऐसा रहा धनिया का मिजाज
धनिया बादामी 6600 से 6950 , ईगल 7050 से 7400, स्कूटर 7600 से 8150, रंगदार 8400 से 9700, बेस्ट रंगदार 10000 से 13400, एक्स्ट्रा ग्रीन 14000 से 16000, धनिया पुराना 5600 से 6500 रुपए क्विंटल। धनिये में शनिवार को बाजार खुलते से चालू ऑक्शन के दौरान 50 से 100 रुपए क्विंटल के उतार-चढ़ाव के साथ चलते रहे। लंच के बाद आखिर में जाकर मार्केट में थोड़ी कमजोर दिखाई दी जो कि अच्छे व ग्रीन क्वालिटी के मालों में 150 से 200 रुपए की बनी रही। लेवाली शुरुआत में अच्छी व लंच के बाद कमजोर रही। नीलामी शाम 5 बजे समाप्त हुई, जिसमें 26 से 28 हजार बोरी के लगभग माल बिक गया था व दो से ढाई हजार बोरी माल नीलामी रुकने पर पेंडिंग रह गया।