Kota News: कोटा के नयापुरा स्थित चिड़ियाघर अब वन्यजीव प्रेमियों को और अधिक आकर्षित करेगा। करीब 120 साल पुराना यह चिड़ियाघर जल्द ही नए रूप में नजर आएगा। इसके कायाकल्प के लिए 87 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
वन विभाग की वाइल्डलाइफ विंग के उपवन संरक्षक अनुराग भटनागर के अनुसार कार्य शुरू कर दिया गया है। हालांकि नांता क्षेत्र में अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क स्थित है और इस रियासतकालीन चिड़ियाघर में उपवन संरक्षक (वन्यजीव) का कार्यालय संचालित है, इसके बावजूद इसे अधिक उपयोगी बनाने के लिए आवश्यक सुधार कार्य किए जा रहे हैं। पक्षियों और वन्यजीवों के लिए रेस्क्यू सेंटर बनाया जाएगा, जहां विभिन्न स्थानों से बचाए गए वन्यजीवों और पक्षियों को रखा जाएगा।
वन्यजीवों के बाड़ों की मरम्मत, रंग-रोगन कर नए जैसा बनाया जाएगा
शेर, भालू और टाइगर के जर्जर पिंजरों की मरम्मत की जा रही है। मरम्मत के बाद इन पिंजरों को रंग-रोगन कर नए जैसा बनाया जाएगा, ताकि रेस्क्यू कर लाए गए वन्यजीवों को इनमें सुरक्षित रूप से रखा जा सके। नीलगाय, हिरण आदि के बाड़ों के साथ-साथ अजगर और मगरमच्छ के लिए वाटर पोंड्स को भी नया रूप दिया जा रहा है।
नयापुरा स्थित पुराना चिडियाघर
बड़े एवियरी का निर्माण
500 वर्ग मीटर क्षेत्र में नई एवियरी बनाई जा रही है। पहले भी यहां एवियरी थी, लेकिन वह काफी छोटी थी और उसमें लगा लोहा गल चुका था। अब इसके स्थान पर बड़ी एवियरी बनाई जा रही है, जहां उड़ान भरने में असमर्थ और रेस्क्यू किए गए पक्षियों को रखा जाएगा। इसके अलावा, एक रेस्क्यू कक्ष भी बनाया जाएगा, जिसमें ऑपरेशन टेबल, पोस्टमार्टम टेबल और आवश्यक दवाओं की व्यवस्था की जाएगी।
वन्यजीव सप्ताह और अन्य अवसरों पर आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के लिए एक छोटा ओपन ऑडिटोरियम बनाया जा रहा है। वहीं, चिड़ियाघर की चारदीवारी को सुरक्षा की दृष्टि से ऊंचा किया गया है, ताकि वन्यजीवों और आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।