दूध के 60 फीसदी नमूने अमानक पाए गए राजस्थान राज्य सहकारी संघ (आरसीडीएफ) की ओर से चलाए जा रहे दूध का दूध, पानी का पानी अभियान में दूध के 60 फीसदी नमूने अमानक पाए गए हैं। यानी इनमें पानी की मात्रा तय मानकों से काफी ज्यादा मिली है। शुक्र है, पत्रिका की ओर से करवाई गई जांच में दूध के किसी भी सैम्पल में सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले खतरनाक रसायन नहीं मिले। लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि प्रयोगशाला जांच में एक भी सैम्पल मानकों की कसौटी पर खरा नहीं उतरा।
64 रुपए किलो दूध, 30% पानी कोटड़ी रोड पर एक डेयरी से 64 रुपए किलो की दर से दूध खरीदा। इसमें 30 फीसदी पानी की मिलावट पाई गई। एसएनएफ़ की मात्रा 6% मिली। जबकि एसएनएफ़ की मात्रा 9% से कम नहीं होनी चाहिए। वहीं इसके पास ही एक अन्य डेयरी से भी 64 रुपए किलो के हिसाब से दूध खरीद कर सैम्पल की जांच करवाई। इसमें फेट की मात्रा निधाZरित से कम मिली और एसएनएफ भी 5 % मिला। पानी की मात्रा 33 फीसदी मिली।
पत्रिका ने अलग-अलग इलाकों से दूध खरीदा, एक भी सैम्पल पास नहीं – गुमानपुरा सिंधी कॉलोनी में एक डेयरी से 60 रुपए किलो रेट से दूध खरीदा। इसमें 2.80 प्रतिशत फैट आया। करेक्टेडलेक्टोमीटर रीडिंग (सीएलआर ) 22 पाई गई। जबकि दूध में इसकी मात्रा 26 से 32 होनी चाहिए।
-थेगडा रोड शिवाजी नगर में दूधिए के 50 रुपए किलो दूध में 60 फीसदी पानी की मिलावट मिली।- इन्द्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र रोड नम्बर एक पर मल्टीस्टोरी में दूध सप्लाई करने वाले दूधिए ने 50 फीसदी तक पानी की मिलावट कर रखी थी।
– कुन्हाड़ी की एक डेयरी के 50 रुपए प्रतिकिलो के दूध में 40 फीसदी पानी की मिलावट पाई गई। फैट 3.7 था। सीएफआर 22 आया। – एक ब्रांडेड पैकेज्ड मिल्क की जांच में भी 50 फीसदी तक पानी पाया गया।
सेपरेटा का पनीर कुन्हाड़ी में एक डेयरी से पनीर लेकर जांच करवाया। जिसमें सेपरेटा का पनीर पाया गया। कोटडी की एक डेयरी के पनीर में भी सेपरेटा से पनीर बनाए जाने की पुष्टि हुई। जबकि पनीर 360 रुपए किलो बेच रहे हैं।