गंभीर दुर्घटना के बाद की एक घंटे की समयावधि, जिसके दौरान तत्काल चिकित्सकीय देख-भाल प्रदान करके मृत्यु को रोकने की उच्चतम संभावना होती है, वह गोल्डन अवर कहलाता है। ऐसी आपातकालीन स्थिति में गोल्डन अवर के दौरान दुर्घटना से पीडि़त लोगों को मदद की बहुत ही आवश्यकता होती है। इस योजना के तहत ऐसा कोई भी व्यक्ति पात्र होगा, जिसमें मोटर गाड़ी से दुर्घटना ग्रस्त हुए व्यक्ति को पहले घंटे के भीतर चिकित्सा उपचार प्रदान कराकर एक दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति की जान बचाई हो। योजना के तहत नेक व्यक्ति के चयन के लिए जिला स्तर पर गठित मूल्यांकन समिति में संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट, एसएसपी, सीएमओ तथा आरटीओ (परिवहन विभाग) शामिल होते हैं।
यदि नेक व्यक्ति द्वारा सड़क दुर्घटना की सूचना पुलिस को दी जाती है, तो डॉक्टर से विवरण की पुष्टि के बाद पुलिस नेक व्यक्ति को आधिकारिक लेटर पैड पर नेक व्यक्ति के नाम, उसके मोबाइल नम्बर और पता, स्थान, दुर्घटना का दिनांक व समय और कैसे नेक व्यक्ति ने पीडि़त का जान बचाने में मदद की है आदि का उल्लेख करते हुए एक पावती प्रदान करेगी। यदि नेक व्यक्ति पीडि़त को सीधे अस्पताल ले जाता है, तो अस्पताल समस्त जानकारी संबंधित थाने को देगा। विवरण की पुस्टि के बाद पुलिस नेक व्यक्ति को आधिकारिक लेटर पैड पर नेक व्यक्ति के नाम, उसके मोबाइल नम्बर और पता, स्थान, दुर्घटना का दिनांक व समय और कैसे नेक व्यक्ति ने पीडि़त का जान बचाने में मदद की है।