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कोरबा

किसी को गाड़ी के गंदी होने की चिंता तो कोई पुलिस के चक्कर लगाने के डर से घायलों को नहीं ले जाते अस्पताल

कोरबा. भागदौड़ भरी जिंदगी में घायल व्यक्ति को सड़क पर पड़ा होकर चले जाते हैं। किसी को गाड़ी के गंदी होने की चिंता है तो कोई पुलिस के चक्कर लगाने के डर से घायलों को तत्काल अस्पताल तक नहीं लेकर जाते। ऐसे नेक लोग जो घायलों को गोल्डन टाइम में अस्पताल लेकर पहुंचते हैं उन्हें पांच हजार रुपए का इनाम निर्धारित है, लेकिन योजना के दो साल बाद भी जिले में एक भी नेक लोग विभाग को नहीं मिले।

कोरबाJun 18, 2023 / 07:17 pm

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परिवहन विभाग द्वारा आपातकालीन स्थिति में सड़क दुर्घटना पीडि़तों की मदद करने और दूसरे घायलों के जीवन बचाने के लिए आम जनता को प्रेरित करने के उद्देश्य से योजना संचालित की जा रही है। योजना का नाम मोटर गाड़ी से दुर्घटना के महत्वपूर्ण पहले घंटे के दौरान दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को आवश्यक चिकित्सकीय उपचार प्रदाय करने के लिए अस्पताल अथवा आपातकालीन देख-भाल केन्द्र पहुंचाने संबंधी त्वरित व्यवस्था कर जीवन बचाने वाले नेक सहयोगी को पुरस्कृत किए जाने हेतु अनुदान योजना है। इसके तहत प्रत्येक नेक व्यक्ति के लिए पुरस्कार की राशि 5 हजार रूपए प्रति घटना के हिसाब से निर्धारित है। अकसर ये देखने को मिलता है कि समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने की वजह से घायल की मौत हो जाती है। लोग सड़क पर घायलों को देखने के लिए नहीं रुकते। कुछ लोग डायल ११२ को फोन कर सूचना दे देते हैं, लेकिन डायल ११२ के आते तक घायल को अस्पताल पहुंचाया जा सकता है। भीड़ तमाशबीन बनी रहती है, लेकिन अपनी जिम्मेदारी से बचती है।
हादसे के बाद पहला घंटा सबसे महत्वपूर्ण
गंभीर दुर्घटना के बाद की एक घंटे की समयावधि, जिसके दौरान तत्काल चिकित्सकीय देख-भाल प्रदान करके मृत्यु को रोकने की उच्चतम संभावना होती है, वह गोल्डन अवर कहलाता है। ऐसी आपातकालीन स्थिति में गोल्डन अवर के दौरान दुर्घटना से पीडि़त लोगों को मदद की बहुत ही आवश्यकता होती है। इस योजना के तहत ऐसा कोई भी व्यक्ति पात्र होगा, जिसमें मोटर गाड़ी से दुर्घटना ग्रस्त हुए व्यक्ति को पहले घंटे के भीतर चिकित्सा उपचार प्रदान कराकर एक दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति की जान बचाई हो। योजना के तहत नेक व्यक्ति के चयन के लिए जिला स्तर पर गठित मूल्यांकन समिति में संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट, एसएसपी, सीएमओ तथा आरटीओ (परिवहन विभाग) शामिल होते हैं।
इस तरह मिलता है लाभ
यदि नेक व्यक्ति द्वारा सड़क दुर्घटना की सूचना पुलिस को दी जाती है, तो डॉक्टर से विवरण की पुष्टि के बाद पुलिस नेक व्यक्ति को आधिकारिक लेटर पैड पर नेक व्यक्ति के नाम, उसके मोबाइल नम्बर और पता, स्थान, दुर्घटना का दिनांक व समय और कैसे नेक व्यक्ति ने पीडि़त का जान बचाने में मदद की है आदि का उल्लेख करते हुए एक पावती प्रदान करेगी। यदि नेक व्यक्ति पीडि़त को सीधे अस्पताल ले जाता है, तो अस्पताल समस्त जानकारी संबंधित थाने को देगा। विवरण की पुस्टि के बाद पुलिस नेक व्यक्ति को आधिकारिक लेटर पैड पर नेक व्यक्ति के नाम, उसके मोबाइल नम्बर और पता, स्थान, दुर्घटना का दिनांक व समय और कैसे नेक व्यक्ति ने पीडि़त का जान बचाने में मदद की है।

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