Crime News: मजदूरों के साथ गाली-गलौज
मामले की जानकारी देते हुए कोरबा के नगर पुलिस अधीक्षक भूषण एक्का ने बताया कि राजस्थान से मजदूरों को बुलाकर छोटूलाल गुर्जर उम्र 32 वर्ष शहर में जगह-जगह आइसक्रीम बेचवाता है। पैसे को लेकर हुए विवाद में छोटूलाल गुर्जर ने अपनी पत्नी के भाई कालू उर्फ मुकेश और जीत्तू सहित अन्य के साथ मिलकर
आइसक्रीम बेचने वाले विनोद भांबी और अभिषेक भांबी के साथ दुर्व्यवहार किया।
छोटू और सहयोगियों ने विनोद और अभिषेक को कमरे में बंद कर दिया। उनका शर्ट उतरवा दिया और मारपीट किया। मजदूरों के साथ गाली-गलौज भी किया। पैसे की चोरी का गुनाह स्वीकार कराने के लिए मजदूरों को बैटरी के करंट का झटका दिया। इस अवधि में मजदूर जान बचाने के लिए चिल्लाते रहे। गुर्जर से छोड़ने की गुहार लगाते रहे लेकिन उसने नहीं छोड़ी।
पांच लोग गिरफ्तार
घटना के बाद मजदूर फरार हो गए और उन्होंने इसकी जानकारी राजस्थान के भीलवाड़ा पहुंचकर स्थानीय पुलिस थाना गुलाबपुर को दिया। वहां की पुलिस ने कोरबा पुलिस से संपर्क किया और कोरबा के सिविल लाइन थाना में मामला दर्ज किया गया। आरोपियों पर बंद कमरे में मारपीट, गाली-गलौज, करंट से झटका देकर उनकी जान को जोखिम में डालना के अलावा अनुसूचित जाति अत्याचार अधिनियम के तहत मुकदमा लिखा गया। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें छोटू गुर्जर 32 वर्ष, मुकेश शर्मा 31 वर्ष, मुकेश गुर्जर उर्फ कालू 21 वर्ष के अलावा एक अन्य नाबालिग शामिल है। चारों आरोपी राजस्थान भीलवाड़ा के रहने वाले हैं। जबकि मामले का पांचवा आरोपी देवीलाल उम्र 24 वर्ष आदर्श नगर कुसमुंडा में रहता है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर कोरबा के कोर्ट में पेश किया। यहां से रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
कोरबा में भाड़े के मजदूरों से जगह-जगह बेचवा रहा आइसक्रीम
Crime News: पुलिस को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि घटना का मुख्य आरोपी छोटू गुर्जर है जो राजस्थान के भीलवाड़ा से कोरबा में आकर राजस्थानी श्रीदेव फालुदा के नाम से जगह-जगह आइसक्रीम बेचवाता है। इसमें कोरबा के चार प्रमुख स्थल गढ़कलेवा चौपाटी,
पीजी कॉलेज सहित एक अन्य स्थान पर आइसक्रीम की अपनी गाड़ी लगाता है और इसमें काम करने के लिए राजस्थान के भीलवाड़ा से मजदूरों को बुलाया है।
विनोद और अभिषेक भी काम करने आए थे। दोनों अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं। गुर्जर इन्हें समय पर पैसे नहीं दे रहा था। दो माह से मजदूर पैसे मांग रहे थे। रूपए मांगने पर गुर्जर ने मजदूरों पर चोरी का आरोप लगाया और उन्हें बुरी तरह से पीटा।