CG Fraud News: नाबालिग बालक भी शामिल
पुलिस ने भूपेंद्र जोशी और दुष्यंत जोशी नामक दो एजेंटों को गिरफ्तार किया गया था जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड जारी कर साइबर ठगों को बेचते थे। पूछताछ के दौरान करन चंद्राकर और फिर उत्तर प्रदेश स्थित
मास्टरमाइंड विधि से संघर्षरत बालक का नाम सामने आया। इस पूरे नेटवर्क के मास्टरमाइंड विधि से संघर्षरत बालक को उत्तर प्रदेश के मुजफरनगर से हिरासत में लिया गया है।
साइबर अपराधों में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए कबीरधाम पुलिस ने एक विशेष जांच टीम गठित की थी। गिरफ्तार एजेंटों की पूछताछ से करन चंद्राकर और फिर
मास्टरमाइंड तक पहुंच बनी। गुप्त सूचना और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर करन चंद्राकर को बेमेतरा से और विधि से संघर्षरत बालक को मुजफरनगर से पकड़ा गया। पूछताछ में मास्टरमाइंड बालक ने स्वीकार किया कि वह लंबे समय से फर्जी सिम कार्डों की रिमोट डिलीवरी प्राप्त कर साइबर ठगी के लिए उनका उपयोग कर रहा था।
नाबालिग बालक को मुजफ रनगर से पकड़ा
कवर्धा डीएसपी कृष्णकुमार चंद्राकर ने बताया कि आरेापी करन चंद्राकर बेमेतरा जिले का निवासी है जो वर्षों से फ र्जी सिम कार्ड जारी कर ठगी गिरोह को बेच रहा था। उसने शुरुआत में मास्टरमाइंड विधि से संघर्षरत बालक के लिए काम शुरू किया था बाद में भूपेंद्र व दुष्यंत को अपने साथ जोड़ा। धीरे-धीरे ये एजेंट सीधे
मास्टरमाइंड से संपर्क में आ गए और करन को दरकिनार कर दिया। करन चंद्राकर ने कबूल किया कि उसने 100 से अधिक फर्जी सिम कार्ड कोरियर से भेजे।
विधि से संघर्षरत बालक को गिरफ्तार करने में साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक मनीष मिश्रा व टीम ने सराहनीय कार्य किया। बालक को किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। थाना कवर्धा में धारा 318(4), 61(2) भारतीय न्याय संहिता और धारा 66(सी) आईटी एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।
13 फर्जी सिम
आरोपी करन चंद्राकर के पास से 13
फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए, जिनमें उसकी ही तस्वीर लेकिन अलग-अलग नाम, पते और नंबर थे। इन दस्तावेजों से बड़ी संया में सिम कार्ड एक्टिवेट कर मास्टरमाइंड तक भेजे गए। प्रति सिम मोटी रकम मिलने से वह अपराध में पूरी तरह लिप्त हो गया।