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पुनर्वास की भूमि को कर दिया नजूल में दर्ज
जानकारी के अनुसार सरकार ने बीते वर्षों में पुनर्वास की भूमि को नजूल मद में परिवर्तित कर सिंधी समाज को भी धारणाधिकार योजना के तहत पट्टे देने की स्कीम लाई। 1 जून 2023 से 31 जुलाई 2023 तक इन परिवारों से आवेदन लिए गए। सरकारी की मंशा के आगे माधवनगर क्षेत्र के करीब 2260 परिवारों ने पट्टों के लिए आवेदन किया लेकिन पिछले डेढ़ वर्षों में सिर्फ 27 लोगों को ही अफसरों ने पट्टा जारी किया।
सरकार यह वसूलेगी राशि
धारणाधिकार योजना में पात्र अधिभोगियों को प्रब्याजि एवं भू-भाटक लेकर उनके भू-खंडों के लिए 30 वर्षीय स्थाई पट्टे जारी किया जाना है। आवासीय भूखंड पर काबिज लोगों से 150 वर्गमीटर तक एक प्रतिशत प्रब्याजि लेकर वार्षिक भू-भाटक, 200 वर्गमीटर तक अतिरिक्त क्षेत्रफल के लिए वर्तमान बाजार मूल्य के बराबर प्रब्याजि लेकर वार्षिक भू-भाटक पर पट्टा दिया जाना है। व्यवसायिक भूखंड पर 20 वर्गमीटर तक वर्तमान बाजार मूल्य के 5 प्रतिशत प्रब्याजि लेकर वार्षिक भू-भाटक पर पट्टा दिया जाना है। 10 स्कूलों को मिला अमृत विद्यालय का दर्जा, डिजिटल सुविधाओं से होंगे लैस
समाज का यह है दर्ज
सिंधी सेंट्रल पंचायत के अध्यक्ष वीरेंद्र तीर्थानी कहते हैं हम सिंध प्रांत से अपनी जमीन, जायदाद, घर सबकुछ छोडकऱ भारत शारणार्थी बनकर आए थे। सरकार ने हमारे लिए जमीनें आरक्षित की। कहा गया कि मालिकाना हक दिया जाएगा लेकिन 77 वर्षों बाद भी हजारों परिवारों को हक नहीं दिया गया। आरक्षित भूमि को नजूल में दर्ज कर पट्टा देने का दावा किया। हमारे हजारों परिवारों ने आवेदन भी किया लेकिन अबतक पट्टे नहीं दिए गए। माधवनगर युवा संषर्ष समिति के अध्यक्ष राजा जगवानी कहते है कि आरक्षित पुनर्वास की जमीन नजूल में दर्ज विस्थापित परिवारों के साथ अन्याय किया है। इसे पुन: पुनर्वास में दर्ज कर परिवारों को मालिकाना हक दिया जाना चाहिए।
मंगाए हैं जांच प्रतिवेदन
प्रमोद चतुर्वेदी, डिप्टी कलेक्टर का कहना है कि धारणा अधिकार के तहत नजूल भूमि पर प्रीमियम राशि व भू-भाटक के आधार पर पट्टा दिया जाना है। सिंधी समाज के द्वारा करीब 2260 आवेदन किए गए है, जिसमें आवेदनों की जांच जारी है। तहसीलदार व एसडीएम से जांच प्रतिवेदन मंगाए जा रहे हैं। जल्द ही और पट्टों का वितरण किया जाएगा।