कटनी. पत्रिका अमृतम जलम अभियान के तीसरे दिन मसुरहा घाट पर जनप्रतिनिधि, समाजसेवी संगठनों के सदस्य और नागरिक बड़ी संख्या में एकत्र हुए। सभी ने श्रमदान कर कटनी नदी की सफाई की और जल स्रोतों के संरक्षण का संदेश दिया। इस अभियान के तहत नदी से जलकुंभी, सिल्ट, शैवाल, पूजन सामग्री और मूर्तियों को हटाया गया। सफाई के दौरान सबसे अधिक मात्रा पूजन सामग्री व भगवान की मूर्तियों की रही। जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने कहा कि घाटों पर सबसे अधिक यह सामग्री फेंकी जा रही है, जिसके कारण घाट प्रदूषित हो रहे हैं।
कार्यक्रम में शामिल लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर श्रमदान किया और नदी को स्वच्छ करने में योगदान दिया। इस दौरान विधायक संदीप जायसवाल भी पहुंचे और नदी सफाई में श्रमदान किया। उन्होंने लोगों से अपील की कि मूर्ति और पूजन सामग्री का विसर्जन नदियों में न करें। जिला पंचायत सीईओ शिशिर गेमावत ने भी अभियान में भाग लिया। उन्होंने कहा कि श्रमदान के माध्यम से जल स्रोतों के महत्व को समझाया गया है, और यह जरूरी है कि लोग जागरूक होकर जल स्रोतों का संरक्षण करें।
पत्रिका द्वारा जागरूकता की अनूठी पहल
इस अभियान में एसडीएम प्रदीप मिश्रा, कांग्रेस कार्यवाहक शहर अध्यक्ष राजा जगवानी, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष रजनी वर्मा, उपाध्यक्ष अदिता वर्मा, मलेरिया इंस्पेक्टर पीके महार, नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी संजय सोनी, समाजसेवी गीता पाठक, मंजूषा गौतम, नवलेश मलिक, रजनीश तिवारी, रमन सेठी, मोनी जैसवानी, आशीष शुक्ला, मनोज वर्मा, प्रदीप द्विवेदी, ऋषभ त्रिपाठी, धनराज विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। सभी ने अभियान की सराहना की।
मसुरहा घाट पर नदी सफाई अभियान शनिवार को भी किया जाएगा। सुबह 8 बजे से शहर के श्रमदानी जुटेंगे और श्रमदान कर जल स्रोतों की संरक्षण का संदेश देंगे। इस अभियान में जनप्रतिनिधि, युवा, गणमान्य नागरिक सहित समाज सेवी संगठन के लोग शामिल होंगे।
पत्रिका अमृतम जलम अभियान जागरूकता के लिए बड़ी पहल
संदीप जायसवाल, विधायक ने कहा कि पत्रिका अमृतम जलम अभियान का यह अभियान जल स्रोतों को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। जल संरक्षण के लिए सभी लोग आगे आएं और इस तरह के अभियानों में भाग लें। लोग नदियों में पूजन सामग्री न फेंकें। शहर के जल स्रोतों को स्वच्छ रखने बेहतर कदम उठाए जाएंगे। शिशिर गेमावत, जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि पत्रिका का यह अभियान समाज में जागरूकता लाने का एक प्रभावी माध्यम है। नदियों और जल स्रोतों को स्वच्छ रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। श्रमदान कर जागरूकता अभियान में शामिल होकर अच्छा लगा। नदी तलाबों के संरक्षण के लिए जलगंगा अभियान भी चलाया जा रहा है।
नदी बचाना हमारा कर्तव्य
राजा जगवानी, कार्यवाहक अध्यक्ष, कांग्रेस ने कहा कि नदी हमारी धरोहर है और इसे बचाना हमारा कर्तव्य है। पत्रिका का यह अभियान सराहनीय पहल है। इसमें हर कोई भागीदारी करे। नगर निगम, प्रशासन, जनप्रतिनिधि भी नदी, तालाब, कुआं को संरक्षित करने ठोस कदम उठाएं।
नदी में न डालें मूर्तियां
रजनी वर्मा, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि जल संरक्षण के लिए इस तरह के प्रयास लगातार होते रहने चाहिए। जल स्रोतों के संरक्षण के लिए आगे आएं। लोग नदी में मूर्तियां, पूजन सामग्री न डालें। शासन-प्रशासन इसमें आगे आकर नदियों को स्वच्छ बनाने भागीदारी करे।
संरक्षित रखना है जरूरी
अदिता वर्मा, उपाध्यक्ष कांग्रेस ने कहा कि पत्रिका के इस अभियान ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि जल स्रोतों को स्वच्छ और संरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। लोग नदियों में कचरा, प्लास्टिक और पूजन सामग्री न डालें और इस तरह के अभियानों में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें।
स्वच्छ जल स्रोत
सुमन रजक, कांग्रेस ने कहा कि अगर हम आज जल संरक्षण के प्रति जागरूक नहीं हुए, तो आने वाली पीढिय़ों को जल संकट का सामना करना पड़ेगा। हमें स्वच्छ जल स्रोतों के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। पत्रिका का यह प्रयास सराहनीय है। हमेशा से सरोकार से जुड़े मुद्दे उठाए जाते हैं।
सभी लें इसमें भाग
गीता पाठक, पोस्टल असिस्टेंट व समाजसेवी ने कहा कि पत्रिका द्वारा शुरू किया गया यह अभियान समाज के लिए एक प्रेरणा है। जल संरक्षण सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हम सभी को इसमें भाग लेना चाहिए। यदि हम अपने जल स्रोतों को स्वच्छ और सुरक्षित नहीं रखेंगे, तो भविष्य में जल संकट का सामना करना पड़ेगा।
अनुकरणीय है पहल
मंजूषा गौतम, समाजसेवी ने कहा कि नदियां हमारे जीवन का आधार हैं। पत्रिका ने इस अभियान के माध्यम से एक अनुकरणीय पहल की है। हमें इस अभियान से सीख लेनी चाहिए और इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। जल संरक्षण सिर्फ सफाई करने तक सीमित नहीं है, बल्कि हमें जल का विवेकपूर्ण उपयोग भी सुनिश्चित करना होगा।
रोगों को रोकने में सहायक
पीके महार, मलेरिया इंस्पेक्टर ने कहा कि स्वच्छ जल स्वस्थ जीवन की कुंजी है। जल स्रोतों में गंदगी और जलकुंभी से मच्छरजनित बीमारियां फैलती हैं। पत्रिका का यह प्रयास जल जनित रोगों को रोकने में भी सहायक होगा। हम सभी को इस मुहिम में आगे आकर जल संरक्षण के लिए कार्य करना चाहिए।
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शानदार है पहल
मनोज वर्मा, समाजसेवी ने कहा कि लोग जल स्रोतों को प्रदूषित कर रहे हैं, जो कि बेहद चिंता का विषय है। पत्रिका ने इस दिशा में शानदार पहल की है। यह जरूरी है कि हम सभी इस अभियान से प्रेरित हों और अपने आस-पास के जल स्रोतों की सफाई और संरक्षण में योगदान दें।
जीवन का आधार हैं नदियां
प्रदीप मिश्रा, एसडीएम, कटनी ने कहा कि जल स्रोतों का संरक्षण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। पत्रिका अमृतम जलम अभियान न केवल जागरूकता फैला रहा है, बल्कि लोगों को इसमें सक्रिय रूप से जोड़ रहा है। यह अभियान हमें यह समझाता है कि जल सिर्फ एक संसाधन नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। प्रशासन नदी संरक्षण के लिए बढ़ा कदम उठाएगा।
सभी लें जिम्मेदारी
ऋषभ त्रिपाठी, अभाविप ने कहा कि युवा शक्ति को जल संरक्षण की जिम्मेदारी लेनी होगी। हम सभी को पत्रिका के इस अभियान से प्रेरणा लेकर जल स्रोतों की रक्षा करनी चाहिए। अगर आज हमने जल संरक्षण के लिए कदम नहीं उठाए, तो आने वाली पीढयि़ों को जल संकट का सामना करना पड़ेगा।
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