उत्तर प्रदेश के कानपुर में कानूनगो और लेखपाल का फर्जीवाड़ा सामने आया है। संदीप सिंह निवासी रामपुर कला का पुरवा, सचेंडी ने बताया कि उनके दादा स्वर्गीय मोहन लाल ने उनके नाम रजिस्टर्ड वसीयत की थ। इसमें दान पत्र भी शामिल है। उनकी बुआ राजपति, राजकुमारी और परिवार अन्य सदस्य को इस बात की जानकारी थी। वसीयत होने के बाद दोनों बुआ ने मिलकर साजिश रची। जिसमें लेखपाल अरुणा द्विवेदी और कानूनगो आलोक दुबे को भी अपनी साजिश में शामिल किया।
कूटरचित दस्तावेज बनवाये गये
साजिश के तहत उनकी बुआ ने लेखपाल और कानूनगो की मदद से पट्टा की जमीन अपने नाम कर लिया। जिसे बाद में कानूनगो और लेखपाल के नाम रजिस्ट्री कर दी। कूट रचित दस्तावेज के माध्यम से जमीन को लेखपाल और कानूनगो ने अमित गर्ग की कंपनी आरएनजी इंफ्रा को जमीन बेच दी। संदीप सिंह ने बताया कि देसी फर्जी तरीके से बेची गई। जमीन की कीमत करीब 5 करोड़ है।
क्या कहते हैं डीसीपी ईस्ट?
डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर संगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जिसमें वादी की बुआ राजपति देवी, राजकुमारी, फूफा रघुवीर सिंह, बुआ का लड़का अरुण सेंगर, लेखपाल अरुण द्विवेदी, आलोक दुबे, फाइनेंसर अमित गर्ग के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।