मृतक के मां लक्ष्मी चक्रवती ने जांच अधिकारी को बताते हुए स्वास्थ्य कर्मी पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि मेरे बच्चे को 26 मार्च को टिका लगाया है और जच्चा बच्चा कार्ड में 25 मार्च लिखा गया है। चित्रांशी को 3 माह का तीन टीका पहले लगाया गया था जिसके बाद 9 माह की दूसरी बच्ची के लिए तैयार किया गया चौथी टीका भी लगा दिया गया। परिजनों ने जब नर्स से सवाल जवाब किए तो नर्स ने इस पर कुछ नहीं होने की बात कही।
टीका लगने के बाद बिगड़ी थी तबियत
दो दिन बाद 28 मार्च को बच्ची की तबीयत बिगड़ने लगी। परिजन उसे तुरंत भानुप्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर देवेंद्र कश्यप के निवास में ले जाकर दिखाया गया उसके बाद भी स्थिति ठीक नहीं होने से 29 मार्च को बेहतर उपचार के लिए धमतरी बठेना अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां एक दिन बाद उसकी मौत हो गई। डॉक्टर ने पूरे शरीर में इनफेक्शन होना बताया। जांच अधिकारियों ने पूरी जांच होने व पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही करने की बात कही।दो दिन बाद बच्ची का पेट सूजने लगा
टीका लगने के दो दिन बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ने लगी और पेट सूजने लगा। इसके बाद उसे 29 मार्च को धमतरी अस्पताल में भर्ती कराया गया। टीकाकरण के डबल डोज से बच्ची के शरीर में इंफेक्शन हो चुका था। धमतरी अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टर ने मासूम बच्ची के शरीर में इन्फेक्शन होने की जानकारी दी और स्थिति गंभीर बताते हुए इलाज शुरू कर दिया। 30 मार्च को शाम 7 बजे करीब उसकी मौत हो गई। यह भी पढ़ें