Jodhpur News : अमरीका में चीन को तगड़ा झटका देने की तैयारी में जोधपुर ! आपदा में तलाश रहा है अवसर
Jodhpur Handicraft Sector: निर्यात पर जितना प्रोत्साहन चीन की सरकार देती है, उतना ही भारत मेें भी मांग रहे एक्सपोर्टर्स, इंसेंटिव भी 5 प्रतिशत से घटा कर 0.5 प्रतिशत किया
Jodhpur Handicraft: अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन समेत कई देशों की ओर से लगाए जा रहे टैरिफ के जवाब में रेसिप्रोकल टैरिफ को लागू करने की डेडलाइन जारी कर दी है। दो अप्रेल से इसे लागू करने की बात कही जा रही है। जोधपुर से हैंडीक्राफ्ट सहित बड़ी मात्रा में एग्रो व अन्य उत्पाद एक्सपोर्ट होते हैं। ऐसे में निर्यात सेक्टर काफी डरा हुआ है, लेकिन इस बीच इसे आपदा में अवसर के तौर पर भी देखा जा रहा है।
रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब होगा कि अमरीका आयात पर टैरिफ दरें लगाएगा, जो अन्य देशों में उनके देश से निर्यात सामान पर टैरिफ के अनुपात में ही होगा। अमरीका ने चीन पर 20 फीसदी टैरिफ दर की घोषणा की है। हालांकि भारत भी इस टैरिफ के दायरे में आएगा, लेकिन यह आपदा में अवसर के समान होगा।
जोधपुर व भारत के पास कुछ ऐसे है मौका
चीन पर सबसे ज्यादा टैरिफ अमरीका सरकार लगाने जा रही है। ऐसे में वहां से अमरीका जाने वाला माल सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। अमरीका में लेबर लागत काफी अधिक है। ऐसे में हैंडीक्राफ्ट व फर्नीचर के लिए सबसे बड़ा विकल्प भारत ही बचता है। जोधपुर ही हमारे देश में हैंडीक्राफ्ट फर्नीचर का सबसे बड़ा निर्यातक है। यहां से एक साल में अमरीका में 2500 करोड़ का निर्यात व्यापार होता है।
इंसेंटिव भी सरकार ने बंद किया
पहले निर्यात सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए इंसेंटिव स्कीम लागू की गई थी। पांच प्रतिशत तक इंसेंटिव सरकार देती थी। ऐसे में निर्यातकों को सरकार से बड़ी राहत मिलती थी, लेकिन अब यह इंसेंटिव 0.5 से 0.75 प्रतिशत तक है। ऐसे में निर्यातकों का रिस्क फैक्टर भी काफी बढ़ गया है।
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सब्सिडी दे सरकार
चीन पर टैरिफ लगाया जाएगा तो वहां की सरकार सब्सिडी या किसी अन्य तरीके से मदद करती है। ऐसे ही भारत सरकार को भी इंसेंटिव बढ़ाकर या अन्य किसी तरीके से निर्यातकों को राहत देनी चाहिए।
चीन पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाया है, हालांकि भारत भी इसके दायरे में आएगा। फिर भी हम समझते हैं कि यह अच्छा अवसर है। चीन के मार्केट को तोड़ा जाता है तो जोधपुर ही उसकी जगह लेगा।
निर्मल भंडारी, निर्यातक
ब्रांडिंग पर फोकस
भारत के जो निर्यातक है, उन्हें ब्रांडिंग पर फोकस करना होगा। निश्चित तौर पर चीन से चुनौतियां है, लेकिन अमरीका पूरी तरह से हमारे लिए दरवाजे बंद नहीं कर सकता, क्योंकि वहां लेबर कॉस्ट ज्यादा है।