राजस्थान में यहां होगी केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे की शादी, जानिए कौन है दुल्हनिया अमानत?
Jodhpur News: इस शादी में राजनीति जगत की कई हस्तियां शामिल होंगी। राजस्थान व मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ राज्यपाल व कई पूर्व सीएम व केन्द्रीय मंत्री शामिल हो सकते हैं।
राजस्थान के जोधपुर के उम्मेद भवन पैलेस शाही शादी के लिए तैयार हो रहा है। केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान की शादी अमानत बंसल से होने जा जा रही है। 6 मार्च को कार्तिकेय और अमानत शादी के बंधन में बंधेंगे। राजनीति और उद्योग जगत से जुड़ी कई हस्तियां भी इस शादी समारोह में शामिल होंगी।
इस शादी में राजनीति जगत की कई हस्तियां शामिल होंगी। राजस्थान व मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ राज्यपाल व कई पूर्व सीएम व केन्द्रीय मंत्री शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा उद्योग जगत के कई बड़े नाम भी शादी में शामिल होंगे। इसके बाद शिवराज की ओर से दिल्ली और भोपाल में दो वेडिंग रिसेप्शन दिए जाएंगे।
उम्मेद पैलेस में फंक्शन, तीन होटलों में बुकिंग
इस शाही शादी के सभी फंक्शन उम्मेद भवन पैलेस में होंगे। रात्रिकालीन आयोजन व डिनर मुख्य लॉन में और दोपहर का भोजन एसी लॉन में होगा। उम्मेद भवन के साथ ही रेडिसन और अजीत भवन में अतिथियों के लिए कमरे बुक किए गए हैं। 150 से ज्यादा निजी वाहन किराये पर लेकर व्यवस्था में लगाए गए हैं।
आज वेलकल डिनर, कल संगीत
जोधपुर में शादी समारोह को बंसल परिवार होस्ट कर रहा है। शिवराज सिंह और उनके परिवार के लोग बाराती के तौर पर यहां शामिल होंगे। करीब 125 लोग शिवराज की ओर से और इतने की लोग बंसल परिवार के इस शादी समारोह में शामिल होंगे।
मंगलवार को शाम तक अतिथियों का आगमन चलता रहेगा। इसके बाद शाम को उम्मेद भवन पैलेस में ही वेलकम डिनर का आयोजन किया जाएगा। बुधवार शाम को पैलेस के ठीक सामने आधुनिक शामियाने में संगीत का कार्यक्रम होगा। 6 तारीख को भारतीय रीति रिवाज के साथ दोनों परिणय सूत्र में बंधेंगे।
नामी कंपनी के मालिक की पुत्री हैं अमानत
कार्तिकेय की जीवन संगिनी बनने वाली अमानत लिबर्टी शूज के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुपम बंसल की बेटी हैं। अमानत ने लंदन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी की पढ़ाई की है। पिछले साल इनकी सगाई हुई है।
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भोपाल में हुई वर निकासी की रस्म
सोमवार को भोपाल में वर निकासी की रस्म हुई। सर्वप्रथम गणेश अंबिका पूजन संपन्न हुआ। इसके बाद मंडपांग देवता एवं आवाहित स्थापित देवताओं की अर्चना की गई। निकासी के लिए परछिन अंगन्यास, रजतमुद्रा, मूसल एवं अरई द्वारा किया गया। इससे समस्त अंगों की रक्षा होगी। बारात का शुभारंभ रथ के पहियों के नीचे श्रीफल रखकर किया गया।