83 नक्सलियों को मार चुके
नक्सलियों के सबसे मजबूत पी.एल.जी.ए. ग्रुप को भागने पर मजबूर किया। भारत सरकार के मार्च 2026 के नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ के लक्ष्य के प्राप्ति में वाहिनी कमाण्डर के रूप में बीजापुर पुलिस के साथ मिलकर अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। अभी तक यादव के नेतृत्व में 210 कोबरा वाहिनी ने 16 नए कैम्प (एफ.ओ.बी.) लगाए हैं। तर्रेम-पामेड़ रोड के परिचालन के एतिहासिक लक्ष्य में योगदान दिया है। इनके नेतृत्व में मुठभेड़ में 83 नक्सलियों को मार गिराया गया है। 161 नक्सलियों को गिरफ्तार किया तथा 56 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
वर्ष 2000 में सहायक कमाण्डेंट के पद पर भर्ती हुए
अशोक कुमार 14 अक्टूबर 2000 को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में सहायक कमाण्डेंट के रूप में भर्ती हुए। देश के उत्तर पूर्व में असम, जम्मू कश्मीर एवं छत्तीसगढ़ के बस्तर में बहादुरी का परिचय दिया। यादव को बहादुरी के लिए राष्ट्रपति चार बार पुलिस वीरता पदक से सम्मानित कर चुके। इसके अतिरिक्त वे राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) में भी सेवा दे चुके। उन्होंने बताया कि उनको आगे बढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान मां भगवती देवी व पिता शिव प्रसाद का रहा।