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झालावाड़

पदों का चक्कर: अधिक नामांकन वाले स्कूल रहेंगे मुखिया विहीन

-प्रधानाचार्य की ऑनलाइन काउंसलिंग शुरू

झालावाड़Apr 09, 2025 / 11:46 am

harisingh gurjar

-प्रधानाचार्य की ऑनलाइन काउंसलिंग शुरू, नौ अप्रेल तक पदस्थापन के लिए होगा चयन

झालावाड़. शिक्षा विभाग में लम्बे समय के इंतजार के बाद पदोन्नत चार हजार से भी अधिक प्रधानाचार्यों के पदस्थापन के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग चार अप्रेल से शुरू हो गई है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से पदोन्नत शिक्षकों के पदस्थापन के लिए रिक्त पदों की सूची जारी कर दी है। इसमें पदोन्नत 4 हजार 33 पदों के लिए झालावाड़ सहित प्रदेशभर के विभिन्न जिलों के चार हजार 840 पद पोर्टल पर प्रदर्शित किए हैं। पदोन्नत प्रधानाचार्य नौ अप्रेल रात्रि 12 बजे बजे तक स्कूलों का ऑनलाइन चयन कर लॉक करेंगे। पर, रिक्त पदों की सूचियों ने बड़ा प्रपंच डाल दिया है। सूचियां देखते ही पदोन्नत प्रधानाचार्यों के होश उड़ गए हैं। रिक्त पदों की सूची में जिले सहित प्रदेशभर में अधिक नामांकन वाले बड़े विद्यालयों के पद रिक्त घोषित ही नहीं किए हैं। ऐसे में आने वाले माह में पदस्थापन आदेश निकलने पर स्थितियां डगमगानी तय है। अधिक नामांकन वाले विद्यालय तो मुखिया विहिन रहेंगे और कम नामांकन वाले विद्यालयों में प्रधानाचार्य मिलेंगे।

आने वाले समय में ओर ज्यादा होगी दिक्कत-

जिले में लंबे समय से प्रधानाचार्य के पद रिक्त हैं। इस बार भी रिक्त पदों की तुलना में बहुत कम रिक्त पद दर्शाए हैं।

झालावाड़ जिले में 226 रिक्त पदों की तुलना में 125 पदों को ही रिक्त बताया है। ऐसे में हालात जस के तस ही रहने हैं। सरकार ने अधिकांश नवक्रमोन्नत स्कूलों को ही लिया है। ऐसे में आने वाले सत्र में दिक्कतें और बढ़ेंगी। 2022में स्वीकृत किया था उप प्रधानाचार्य का पद- जिले सहित प्रदेशभर में अधिक नामांकन वाले बड़े विद्यालयों में गत सरकार ने वर्ष 2022 मेंउपप्रधानाचार्य का पद सृजित किया था। इसमें बकायदा डीपीसी आयोजित कर उपप्रधानाचार्य की नियुक्ति भी की गई थी। अभी हाल ही में उपप्रधानाचार्य की डीपीसी में इन विद्यालयों में कार्यरत उपप्रधानाचार्य को पदोन्नति के उपरांत प्रधानाचार्य बन गए। विभाग ने काउंसलिंग प्रक्रिया नहीं अपनाकर इन्हें यथास्थान कार्यग्रहण करवा दिया था। इससे इन विद्यालयों को प्रधानाचार्य मिल गए थे। अब विभाग ने पदस्थापन के लिए शिड्यूल जारी किया है। पर, इसमें सभी रिक्त पद घोषित नहीं किए और घोषित रिक्त पद भी अपेक्षाकृत कम नामांकन वाले ही किए हैं। ऐसे में इन विद्यालयों में यथास्थान कार्यग्रहण करने वाले प्रधानाचार्य को मजबूरन अन्य विद्यालय का ऑप्शन चुनना पड़ेगा। ऐसे में इन विद्यालयों में न तो उपप्रधानाचार्य रहेगा और नहीं नया प्रधानाचार्य मिलेगा। ऐसे में समस्या अधिक बढ़ेगी। हालांकि अब सरकार ने उप प्रधानाचार्य का पद समाप्त कर उसकी जगह वरिष्ठ व्याख्याता कर दिया गया है।

फैक्ट फाइल-

– जिले में प्रधानाचार्यों के पद खाली-226

– जिले में काउंसिलिंग के लिए पद दर्शाए-125

-जिले में व्याख्याता के पद खाली- 665

उपलब्ध समस्त रिक्त पदों को दर्शाया जाए-

क्रमोन्नत स्कूलों में प्रधानाचार्य लगाने का निर्णय अच्छा है। पर, अधिक नामांकन वाले विद्यालयों को वंचित रखना उचित नहीं है। उपप्रधानाचार्य प्रधानाचार्य दोनों के पद खाली हो जाएंगे, तो स्थितियां और अधिक बिगड़ेगी। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में इस निर्णय से व्यवस्थाएं सुधरेंगी।

सीताराम गौड़, जिलाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय, झालावाड़।

अधिकारी ने कहा-

काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हो गई है। रिक्त पद निदेशालय से प्रदर्शित किए हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों व दूर-दराज के विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था सुदृड़ होंगी।

हेमराज पारेता, जिला शिक्षा अधिकारी, झालावाड़

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