ऐसे गड़बड़ाया हुआ है शेड्यूल-
कोटा विवि में आने वाले 132 कॉलेजों में परीक्षाओं का शेड्यूल गड़बड़ाया हुआ है। प्रथम व तृती सेमेस्टर की दिसंबर 2024 की परीक्षाएं मार्च 2025 में हो रही है। इसी दौरान तीन गुणा फीस के साथ परीक्षा फार्म भी भरवाए जा रहे हैं। वहीं जून की परीक्षाएं अगस्त के बाद होगी। ऐसे में पूरे साल परीक्षाएं ही संचालित होने से विद्यार्थी असमंजस में है। नहीं मिल रहा शिक्षण का समय- कॉलेजों में शिक्षण कार्य के लिए भी साल में औसतन 10 माह का समय मिलता है। जिसमें कम से कम छह माह तो परीक्षाएं हो रही है। चार माह में करीब एक माह अवकाश रहते हैं। प्रति सेमेस्टर तीन माह यानी90 दिन शिक्षण होना जरूरी है।
नहीं चल रहा पता-
विद्यार्थियों को परीक्षा का पता ही नहीं चल रहा है, कि कब परीक्षा होगी और कब परिणाम आएंगे। विश्व विद्यालय व कॉलेजों मेंं ज्यादातर समय परीक्षाएं हो रही है। तो कक्षाएं कब लगेंगी। यहां के माहौल के हिसाब से अभी नई शिक्षा नीति कारगर साबित नहीं हो पा रही है। यहां पर्याप्त संसाधन नहीं है।
जिले में इतने है कॉलेज-
जिले में राजकीय पीजी कॉलेज, कन्या महाविद्यालय, राजकीय बिडला महाविद्यालय भवानीमंडी, राजकीय कॉलेज पिड़ावा, राजकीय महाविद्यालय असनावर, राजकीय महाविद्यालय मनोहरथाना, राजकीय महाविद्यालय खानपुर, राजकीय महाविद्यालय चौमहला, राजकीय महाविद्यालय डग,एकलव्य निजी महाविद्यालय आदि में करीब 30 हजार नियमित व स्वयंपाठी परीक्षार्थी परीक्षाएं दे रहे हैं। लेकिन इनमें कई ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को पता ही नहीं लग पा रहा है कि उनके सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू हो गई है। शनिवार से शुरू हुई कॉलेज परीक्षाओं में कई विद्यार्थियों को अंतिम समय में पता चला कि उनके शनिवार को पेपर है।
ऐसे बताई विद्यार्थियों ने परेशानी-
जब से सेमेस्टर सिस्टम हुआ है। पता ही नहीं चल रहा है कि कब तो परीक्षा के फार्म भरवा रहे हैं, परीक्षा कम हो रही है। कोटा विश्वविद्यालय में सेमेस्टर परीक्षा का समय पर कोर्स भी पूरा नहीं हो रहा है, परीक्षा का शेड्यूल भी बिगड़ा हुआ है। इससे बहुत ज्यादा प्रोब्लम हो रही है।
तानिया कौर,कॉलेज छात्रा।
अभी हाल में कोटा विवि के सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू हुई है। लेकिन अभी कई हमारे साथियों को पता ही नहीं है। कुछ ने तो परीक्षा से एक घंटा पहले ही प्रवेश पत्र निकाला। अब सोचो वो कैसे परीक्षा देंगे, उनकी क्या तैयारी होगी। परीक्षा समय पर होना चाहिए, परिणाम भी समय पर दिया जाना चाहिए।
आदित्य नागर, कॉलेज छात्र।
व्यवस्था पटरी पर आ रही-
अब दिक्कत नहीं है, धीरे-धीरे व्यवस्था पटरी पर आ रही है। कोई भी नया सिस्टम होता है तो शुरूआत में परेशानी तो आती है। लेकिन इसका सकारात्मक परिणाम आएगा। अब बच्चे नियमित कॉलेज आ रहे हंै, साल में दो बार परीक्षा व एसानमेंट जमा हो रहे हैं। नई शिक्षा नीति के सुखद परिणाम होंगे।
प्रवीण भार्गव, परीक्षा नियंत्रक, कोटा विवि, कोटा।