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महिला जेल बनकर तैयार होगा। हालांकि जिला जेल परिसर में ही बनेगा। लेकिन इसके लिए सब पुरूष जेल से अलग होगा। यहां किसी भी पुरूष को अकेला जाने की मनाही रहेगा। बैरक बनाने के लिए जगह का चयन भी कर लिया है। जिला जेल के पीछे खाली जगह में बनाया जाएगा। ये महिला बैरक ड्यूप्लेक्स पेटर्न पर बनाया जाएगा।
जिला जेल अन्य अन्य उप जेलों की तुलना में सबसे सुरक्षित जेल मानी जाती है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में अपराध में सजा काट रहे महिला बंदी हैं। यहां लंबे समय से जेल का जीर्णोद्वार नहीं किया जा सका है। ऐसी स्थिति में यहां सालों से महिला बंदियों के रहने के लिए आज 35 साल के बाद भी महिला जेल नहीं बन पाया था। ऐसे में जिले के महिला बंदियों को बिलासपुर जेल जाना पड़ता था। इसके साथ ही परिजनों को भी बिलासपुर का चक्कर काटना पड़ता है।
इसके खर्च के साथ परेशानी भी होती थी। लेकिन अब 35 साल के बाद महिला बैरक बनाने के लिए कवायद शुरू किया जा चुका है। इसके लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव मंगाया गया था। इसके बाद जिला जेल प्रशासन द्वारा प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसके अनुसार बैरक सहित अन्य स्ट्रक्चर के लिए करीब साढ़े 8 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा गया। इसके लिए जगह का भी चयन कर लिया गया है। यह महिला जेल वर्तमान में स्थित जिला जेल के पीछे की तैयार की जाएगी। 100 बंदियों की क्षमता की नई जेल बनेगी। महिला जेल के लिए प्रस्ताव कलेक्टर की ओर से राज्य शासन को भेजा गया है। जिसकी मंजूरी जल्द मिलेगी।
यहां महिला जेल की जरूरत महसूस की जा रही थी। क्योंकि जिले कीं महिला कैदियों को अभी बिलासपुर की सेंट्रल जेल में रखना पड़ता है। जिला जेल के पीछे परिसर में महिला बैरक बनाकर तैयार की जाएगी।
डीडी टोण्डर, जेलर, जिला जेल