CG News: ओपीडी व मरीजों के इलाज के बाद करेंगे आंदोलन
पहले दिन जिला अस्पताल के पूरा स्टॉफ अस्पताल के सामने बैठकर सीएस हटाओ का नारेबाजी करते रहे। मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में आगे भी अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन करेंगे। ओपीडी देखने के बाद प्रदर्शन किया जा रहा है। इस संबंध में सांसद व अपर कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया। जिला अस्पताल जांजगीर और बीडीएम चांपा के डॉक्टरों, स्टाफ नर्सों और कर्मचारियों ने
सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल के मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रभारी सिविल सर्जन के आने के बाद से ही कर्मचारी मानसिक और शारीरिक रूप परेशान होने का आरोप लगाते हुए आंदोलन कर रहे हैं। दो दिन पहले स्टाफ नर्स को नेतागिरी करते हो कहते अनावश्य प्रेशर डाला गया। साथ ही हंगामा भी हुआ।
जिला अस्पताल बचाओ के लगाते रहे नारे
इसकी जानकारी बाकी अन्य स्टाफ को हुआ तो सभी एकजुट हो गए। क्योंकि अधिकांश कर्मचारी सीएस के मनमानी से परेशान है। इसके बाद पूरा जिला अस्पताल स्टाफ पैदल ज्ञापन देने कलेक्टोरेट पहुंचे। जहां कलेक्टर को अपनी परेशानी बताते हुए सिविल सर्जन को हटाने की मांग की गई। इसके बाद कलेक्टर ने तत्काल अपर कलेक्टर के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर दी गई। अस्पताल स्टॉफ की माने तो जांच के दौरान कई स्टॉफ पर दबाव बनाया जा रहा है कि आप खिलाफ में क्यों जा रहे है। इसके बाद अब डॉक्टर सहित पूरा जिला अस्पताल स्टॉफ सिविल सर्जन को जांच के दौरान हटाकर उसके स्थान पर दूसरे डॉक्टर को प्रभार देने की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिए हैं। पहले दिन ओपीडी देखने के बाद सभी डॉक्टर, स्टॉफ नर्स सहित स्टॉफ जिला अस्पताल के सामने बैठकर विरोध प्रदर्शन किए। साथ ही सिविल सर्जन हटाने जिला अस्पताल बचाओ के नारे लगाते रहे। इसके बाद सांसद कमलेश जांगड़े व अपर कलेक्टर उज्ज्वल पोरवाल को जांच के दौरान सिविल सर्जन दीपक जायसवाल के जगह दूसरे को प्रभार देने की मांग की गई।
अस्पताल प्रबंधन पर पैसा मांगने का आरोप
CG News: राहुल गढ़वाल ने बताया कि सिविल सर्जन कार्यालय में 22 नवंबर 2024 को कार्य करने नियुक्ति आदेश दिया गया। इसके बाद कई बार आवक जावक में आवेदन जमा करने गया। जिसे जिला अस्पताल सलाहकार अंकित ताम्रकार द्वारा फाड़ दिया गया। कार्य में उपस्थित नहीं होने के साथ
मानसिक प्रताड़ित करते हुए 50 हजार रुपए की मांग की जाती है। साथ ही गाली-गलौच किया जाता है। साथ ही सिविल सर्जन के पास जाने पर भी धमकी दिया जाता है।
विक्रम ओजस्वी 102 में ईएमटी में केजवल्टी के पद पर पदस्थ था। घर में दुखद घटना होने से वह अवकाश में था। अवकाश से वापस लौटने के बाद अस्पताल प्रबंधक अंकित ताम्रकर द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए 50 हजार रुपए की मांग करने लगा। गरीब व्यक्ति हूं, नहीं दे सकता, बोलने पर अस्पताल नहीं आने की बात कह रहा है। संबंधित पर कार्रवाई की मांग का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा गया है।