बड़ाबाग में कचरा निस्तारण प्लांट के खिलाफ जमा हुए ग्रामीण, अधिकारियों के सामने जताया विरोध
जैसलमेर जिला मुख्यालय के समीपस्थ बड़ाबाग गांव क्षेत्र में स्थित डम्पिंग यार्ड में कचरा निस्तारण प्लांट की स्थापना के खिलाफ ग्रामीणों ने सोमवार को मोर्चा खोल दिया।


जैसलमेर जिला मुख्यालय के समीपस्थ बड़ाबाग गांव क्षेत्र में स्थित डम्पिंग यार्ड में कचरा निस्तारण प्लांट की स्थापना के खिलाफ ग्रामीणों ने सोमवार को मोर्चा खोल दिया। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की तरफ से गांव में उक्त प्लांट की स्थापना के संबंध में पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए आयोजित जन सुनवाई में ग्रामीणों ने एकजुट होकर विरोध के स्वर मुखर किए और कहा कि डम्पिंग यार्ड की वजह से गांव का पशुधन मर रहा है और लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। यह एक हेरिटेज साइट है और आज से 20 साल पहले भी प्रशासन ने केवल ग्रामसेवक की ओर से जारी एनओसी पर यहां डम्पिंग यार्ड बनाया। उस एनओसी पर सरपंच और अन्य ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की सम्मति नहीं ली गई थी। हाथों में विरोध के नारे लिखी तख्तियां थामे युवाओं ने जन सुनवाई में मौजूद अतिरिक्त जिला कलक्टर परसराम, नगरपरिषद आयुक्त लजपालसिंह और प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी के सामने रोष जताया। मौजीज ग्रामीणों और एनजीओ की प्रतिनिधि ने एक के बाद एक कई तर्क देकर यहां बनने वाले कचरा निस्तारण प्लांट का विरोध किया। उन्होंने डम्पिंग यार्ड को ही बड़ाबाग से अन्यत्र स्थानांतरित करने की भी मांग रखी। जन सुनवाई के बाद अतिरिक्त कलक्टर ने बताया कि ग्रामीणों की आपत्तियों को राज्य स्तरीय समिति के पास अग्रिम कार्यवाही के लिए भिजवााय जाएगा। गौरतलब है कि डम्पिंग यार्ड स्थल पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित किया जाना है। यह प्लांट 1 लाख 61 हजार 966 वर्गमीटर में बनना प्रस्तावित है। इसकी कचरा निस्तारण की क्षमता 360.92 टन प्रतिदिन बताई गई है।
पशुधन मर रहा, जीना मुहाल
- इस अवसर पर ग्रामीणों ने कहा कि 20 साल से यहां डम्पिंग यार्ड के कारण उनका पशुधन काल का ग्रास बन रहा है। पूरे क्षेत्र में मरे हुए पशुओं व अन्य कचरे की वजह से दुर्गंध का वातावरण बन जाने से सांस लेना दूभर हो जाता है।
- ग्रामवासी मीना परिहार ने कहा कि हम सब ग्रामीणों की मांग है कि यहां से डम्पिंग यार्ड को हटाया जाए। इस वजह से हमारी खेती की जमीन भी खराब हो रही है। घरों में मक्खियों की भरमार हो गई है।
- पूर्व सरपंच देवकाराम माली ने कहा कि दो दशक पहले भी डम्पिंग यार्ड के लिए केवल ग्रामसेवक ने एनओसी जारी की थी, इसका पता आज चला है। उन्होंने कहा कि डम्पिंग यार्ड की वजह से गांव में बीमारियां फैल रही हैं। केवल बड़ाबाग ही नहीं आसपास के अन्य गांवों के लोग भी इस यार्ड के विरोध में हैं।
- ग्रामीणों ने कहा कि पिछले लम्बे समय से उनके द्वारा डम्पिंग यार्ड को यहां से स्थानांतरित करने की मांग प्रशासन के सामने उठाई जाती रही है। प्रशासन के अधिकारी केवल सुनते रहते हैं लेकिन कोई कार्रवाई अमल में नहीं ला रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में ग्रामीणों ने इसी मांग को लेकर मतदान के बहिष्कार का भी निर्णय लिया था। इसके बावजूद प्रशासन ने उचित कदम नहीं उठाया।
ग्रामीणों में काफी विरोध
बड़बाग में स्थित डम्पिंग यार्ड स्थल पर प्रस्तावित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के संबंध में जन सुनवाई में ग्रामीणों ने काफी विरोध किया है। उनकी ओर से इस प्लांट को अन्यत्र शिफ्ट करने की मांग रखी गई। इसके अलावा बरसाती पानी के दूषित होने, वायु प्रदूषण, पशुओं की मौत आदि मुद्दे भी सामने आए। हमारी ओर से प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी ग्रामीणों को दी गई। इस बारे में आगे निर्णय राज्य स्तरीय समिति लेगी। - परसराम, अतिरिक्त जिला कलक्टर, जैसलमेर
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