ताले लटके, टूरिज्म ठप
गर्मियों की शुरुआत के साथ ही सम क्षेत्र के रिसॉट्र्स पर ताले लटक गए हैं। कुछ गिने-चुने रिसॉट्र्स ही खुले हैं, लेकिन वहां भी टेंट्स खोलने और मेंटेनेंस का ही काम चल रहा है। मई-जून की भीषण गर्मी में अधिकांश रिसॉट्र्स पूरी तरह बंद रहते हैं। वीकेंड या सरकारी छुट्टियों पर गिनती के सैलानी ही सम की ओर रुख करते हैं।बेरोजगार हुए हजारों कलाकार और कामगार
सीजन खत्म होते ही सम में हर शाम प्रस्तुति देने वाले करीब 1000 लोक कलाकारों और 3000 से अधिक स्टाफ का रोजगार छिन गया है। अब अगले तीन महीनों तक वे अनचाहा विश्राम करेंगे। ये वही लोग हैं जो पर्यटकों को लोकसंस्कृति से रु-ब-रु कराते थे।प्राकृतिक मार से भी रिसॉर्ट व्यवसाय चौपट
गर्मियों में चलने वाली तेज अंधड़ और रेतीले तूफान टेंट्स और उनके सामान को नुकसान पहुंचाते हैं। बीते वर्षों में लाखों का नुकसान झेल चुके रिसॉर्ट संचालक अब इस दौरान कारोबार बंद रखने में ही समझदारी मानते हैं। आंधी-बारिश का खतरा और सैलानियों की कमी उन्हें घाटे में डाल देती है।फैक्ट फाइल
150 से अधिक रिसॉट्र्स सम क्षेत्र में6000 से अधिक टेंट्स लगाए जाते हैं सीजन में
600 करोड़ रु. से अधिक का सालाना कारोबार
8 माह का सीजन – अगस्त से मार्च तक
4 हजार से अधिक लोगों को मिलता है रोजगार
घाटे का सौदा
गर्मी के मौसम में सैलानी आते नहीं और लागत बढ़ जाती है। आंधी तूफान में टेंट्स उड़ जाते हैं। ऐसे में ऑफ सीजन में रिसोट्र्स चलाना घाटे का सौदा है।-कैलाश व्यास, अध्यक्ष, सम रिसोट्र्स स वेलफेयर सोसाइटी