निगरानी चुनौती, तस्करों का आसान रूट
- बीकानेर के बज्जू थाना से जैसलमेर के नाचना थाना तक 125 किमी क्षेत्र में न पुलिस थाना है, न चौकी।
- पूरे इलाके में न तो कोई स्थायी चेकपोस्ट है और न ही नियमित पुलिस गश्त।
-तस्करों को पसंद आ रही नहरी क्षेत्र में पक्की सडक़ों और बिजली की सुविधा।
-नोख और नाचना थाने से बचकर निकलते तस्कर - नोख थाना मुख्य बीकानेर-जैसलमेर मार्ग से 20 किमी अंदर स्थित है।
- नाचना थाना भी मुख्य सडक़ मार्ग से हटकर गांव के भीतर है।
- दोनों थानों के बीच 100 किमी से अधिक क्षेत्र पुलिस निगरानी से बाहर है।
तस्करों का तरीका: ट्रक व लग्जरी वाहन
-शराब तस्कर ट्रकों में बड़ी खेप भेजते हैं, जिनकी एसकोर्टिंग लग्जरी वाहनों से की जाती है।
-एसकोर्टिंग वाहन आगे-आगे चलकर पुलिस नाकों और गश्त की स्थिति ट्रकों तक पहुंचाते हैं, जिससे तस्कर सुरक्षित रास्ता बना सकें।
-कभी-कभी नाकेबंदी में खेप पकड़ी भी जाती है, लेकिन संसाधनों की कमी और लंबी दूरी की वजह से ज्यादातर तस्कर बच निकलने में सफल हो जाते हैं।
यूं रुकेगा शराब तस्करी का खेल
- नहरी क्षेत्र में स्थायी पुलिस चौकियां -स्थापित करने की दरकार।
नियमित और सख्त हो पुलिस गश्त और नाकेबंदी। - शराब तस्करी में इस्तेमाल होने वाले वाहनों की ट्रैकिंग।
- एसकोर्टिंग वाहनों पर विशेष निगरानी की जरूरत।
- खुफिया तंत्र को मजबूत करने से तस्करों के बारे में सटीक जानकारी मिल सकेगी।