तेजी से लोकप्रिय
जैसलमेर के पर्यटकों में कश्मीर विगत वर्षों में तेजी से लोकप्रिय होता चला गया। परिवार के साथ गर्मी की छुट्टियां मनाने से लेकर नए युगल व सर्दी में स्नो फॉल का लुत्फ उठाने वालों में अधिकांश कश्मीर का रुख कर रहे थे। कभी सबसे लोकप्रिय सर्किट के रूप में हिमाचल प्रदेश के शिमला-मनाली थे। पर्यटन विशेषज्ञों की मानें तो अब एक बार फिर हिमाचल के साथ उत्तराखंड के नैनीताल का सितारा बुलंद होने के आसार है। पहलगाम हमले ने सारे मंजर को बदल दिया है। टूर ऑपरेटर श्रेय भाटिया ने बताया कि पहलगाम हमले के समय उनके बुक किए हुए कुल 59 जने कश्मीर घाटी में थे। इनमें करीब 35 जने जैसलमेर के और शेष सूरत व जोधपुर आदि के क्लाइंट थे। उन्हें वापस लाने में मशक्कत करनी पड़ रही है। श्रेय ने बताया कि पिछले दिनों से एक भी व्यक्ति ने उनसे कश्मीर जाने के बारे में जानकारी नहीं ली है।
शांति नहीं तो पर्यटन नहीं
कश्मीर में जब-जब अशांति हुई है, तब-तब वहां के पर्यटन को झटका लगा है। इस बार तो पर्यटकों पर ही अपूर्व ढंग से जघन्य हमला हुआ है। यही कारण है कि सीमांत जैसलमेर व आसपास के लोगों में कश्मीर को लेकर फिर से भय का वातावरण बन गया है। टूर ऑपरेटर अखिल भाटिया ने बताया कि कश्मीर के लिए जो भी बुकिंग प्रस्ताव पाइपलाइन में थे, वे एकदम से थम गए हैं। लोग परिवार के साथ छुट्टियां बिताने जाते हैं तो उनके दिमाग में शांति व सुकून सबसे ऊपर होता है। ऐसे तनाव के समय में कोई भी वहां क्यों जाना चाहेगा? भाटिया के अनुसार कश्मीर के पर्यटन व्यवसायी तो बता रहे हैं कि किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है लेकिन लोग उन पर भरोसा नहीं कर सकते। कश्मीर के विकल्प के तौर पर एक बार फिर शिमला, मनाली, नैनीताल, मसूरी जैसे उत्तर भारतीय ठंडे स्थानों के उभरने की उम्मीद है। दक्षिण में मुन्नार, ऊटी, कोडाइकेनाल व पूर्वोत्तर में दार्जिलिंग, सिक्किम आदि भी पर्यटकों की पसंद में शामिल होंगे।