हाईकोर्ट में चार दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाए जाने के बाद राजस्थान पत्रिका ने धमाकों में जान गंवाने वाले मृतकों के परिजन से बात की तो उनका दर्द सामने आया, वहीं फैसले से खुशी भी छलक उठी…। उन्होंने कहा कि वो दर्द तो ताउम्र सालता रहेगा…फैसले से जख्म पर मरहम जरूर लग गया।
कोर्ट में गणगौरी बाजार निवासी बम धमाकों की पीड़ित 70 वर्षीय बुजुर्ग रमा देवी शर्मा और दो अन्य पीड़ित भी पहुंचे। इस दौरान उनके आंसू नहीं थम रहे थे। पत्रिका से बातचीत में उन्होंने बताया कि बम धमाकों के दौरान पति के साथ चौपड़ स्थित खंदे में थी। हादसे में दोनों घायल हुए थे। कुछ दिन पहले उनके पति की मौत हो गई अब वह अकेली हैं।
उन्होंने बताया कि वो काली रात मैं कभी भूल नहीं सकती। चारों ओर चीखने चिल्लाने की आवाजें, खून से लथपथ सड़कें और बिलखते हुए बच्चे… ये दृश्य आज भी जेहन में आता है तो दिल बैठ जाता है। उस हादसे में मेरे सिर में गहरी चोट आई थी, जिसका असर आज तक है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को सजा मिलने के बाद मेरे दुख में कुछ कमी आई है।
आज चैन मिला
13 मई 2008 की वो रात मैं कभी नहीं भूल सकती, उस समय मैं 10 साल की थी। इस हादसे ने हमारे पिता को हम से छीन लिया। बम धमाके के अपराधियों को आज सजा मिल गई है। इसलिए सालों बाद आज चैन की नींद आएगी। -मुस्कान तंवर (मृतक घनश्याम सिंह तंवर की पुत्री)
पत्नी को मिलेगी शांति
बम धमाकों ने मेरी पत्नी छीन ली। 17 साल से मैं अकेला जीवन जी रहा हूं। हर पल पत्नी की कमी महसूस होती है। हर खुशी में उसकी याद आती है, तो चुपचाप रो लेता हूं। आज मेरी पत्नी को कुछ शांति मिली होगी। -राजेंद्र साहू (मृतक सुशीला साहू के पति)
सुकून का एहसास
इंसानियत के दुश्मनों को आज सजा मिली है, ऐसे में एक सुकून का एहसास हो रहा है। मुझे मेरे पति से जुदा करने वालों के लिए आज भी दिल से बद-दुआ निकलती है। खुदा से यही दुआ करती हूं कि कभी ऐसे हादसे न हों, किसी का अपना न बिछड़े। -मुबीना (मृतक हनीफ खान की पत्नी)
आज इंसाफ हो गया
देर से ही सही लेकिन कोर्ट ने हमारे साथ इंसाफ किया। हमारा परिवार आज खुश है कि अपराधियों को सजा मिल गई है। मेरी पत्नी तो अब वापस नहीं आ सकती, लेकिन भविष्य में ऐसे कांड न हो इसके प्रयास होने चाहिए। -यशवंत सिंह (मृतक भुवनेश्वरी के पति)