वसुन्धरा राजे के इन आरोपों के बाद केंद्र सरकार ने भी त्वरित प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने राजस्थान सरकार से जवाब तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।
सीआर पाटिल ने लिया मामले का संज्ञान
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री और गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि झालावाड़ में जल संकट को लेकर पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे द्वारा उठाई गई चिंता को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने गंभीरता से संज्ञान में लिया है। राजस्थान सरकार से इस संबंध में तात्कालिक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है।
सोशल मीडिया पर गरजीं वसुंधरा राजे
दरअसल, वसुन्धरा राजे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर देर रात दो पोस्ट करते हुए झालावाड़ जिले में जल जीवन मिशन में कामकाज को लेकर अफसरों पर सवाल उठाए। वसुंधरा राजे ने एक्स पर लिखा कि क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ़ आप अफसरों को ही लगती है। गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त है। अफ़सर तृप्त हैं। पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचे। अफ़सर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी। उन्होंने रायपुर कस्बे के ग्रामीणों की पेयजल संकट की शिकायत पर जलजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अफसरों को त्वरित समाधान के सख्त निर्देश दिए।
42 हजार करोड़ की योजना पर उठाए सवाल
पूर्व सीएम राजे ने लिखा कि प्रधानमंत्री जी ने 42 हज़ार करोड़ जल जीवन मिशन में दियें हैं। पाई-पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया? पेयजल संकट निवारण के लिए हमारी सरकार तो पैसा दे रही है, लेकिन अफसर योजनाओं की सही क्रियान्विति नहीं कर रहे। इसलिए राजस्थान के लोग प्यास से व्याकुल है। यह तो अप्रेल का हाल है। जून-जुलाई में क्या होगा? उन्होंने आगे लिखा कि अधीक्षण अभियंता सहित उपस्थित कोई भी अधिकारी मुझे संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए। झालावाड़ में ऐसा हरगिज नहीं चलेगा।