जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर की ऐतिहासिक जलमहल झील की दुर्दशा पर चिंता जताते हुए नगर निगम जयपुर हैरिटेज को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि जलमहल झील को तबाह कर दिया तो जयपुर शहर कैसे स्मार्ट सिटी बन पाएगा? कोर्ट ने झील के पास रात्रि बाजार और वेंडिंग गतिविधियों पर रोक लगा दी।
वहीं झील में सीवरेज सहित किसी भी गंदगी का प्रवाह रोकने व उसकी स्थिति सुधारने के लिए सीएसआईआर-नेशनल एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) के विशेषज्ञों की कमेटी बनाकर रिपोर्ट लेने को कहा। कोर्ट ने सुनवाई सात मार्च तक टाल दी, वहीं नगर निगम से कहा कि 21 मार्च तक इस आदेश की पालना के संबंध में रिपोर्ट पेश की जाए।
न्यायाधीश अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ बेंच ने यह आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि पर्यटन को लेकर झील क्षेत्र के विकास के लिए तैयार की जा रही योजना तब तक लागू न की जाए, जब तक कि नीरी की रिपोर्ट नहीं आ जाती।
झील के संरक्षण और सुधार के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जवाब देने के लिए शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से नगर निगम जयपुर हैरिटेज के आयुक्त अरुण हसीजा हाजिर हुए, जिनके जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ।
रात्रि बाजार का मामला ऐसे पहुंचा कोर्ट
नगर निगम हैरिटेज जयपुर ने मई 2022 में जलमहल झील पर रात्रि बाजार के लिए निविदा जारी की। यह बाजार नाहरगढ़ अभयारण्य के ईको-सेंसिटिव जोन (ईएसजेड) के नियमों के उल्लंघन के कारण विवादों में आ गया। राजेन्द्र तिवाड़ी की ओर से एनजीटी में मामला उठाया। जुलाई, 2023 को बाजार रोक दिया गया। एनजीटी ने रात्रि बाजार अवैध घोषित कर निगम पर प्रतिदिन 10,000 रुपए के हिसाब से कुल 26.6 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। इसे नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
नीरी दे सुझाव
कोर्ट ने नीरी को निर्देश दिया कि रात्रि बाजार और अन्य कारणों से झील को हुए पर्यावरणीय नुकसान का प्रभाव समाप्त कर उसे पुरानी स्थिति में बहाल करने के उपायों के बारे में सुझाव दिया जाए।
स्मार्ट सिटी का बैनर देख की टिप्पणी
सुनवाई के दौरान वीसी से जुड़े हैरिटेज निगम आयुक्त की कुर्सी के पीछे स्मार्ट सिटी का बैनर देख, कोर्ट ने टिप्पणी की कि जलमहल जैसी झील को बर्बाद कर दिया गया तो जयपुर स्मार्ट सिटी कैसे बनेगा।
पत्रिका ने उठाया मुद्दा
जलमहल झील के संरक्षण और उसकी स्थिति में सुधार को लेकर राजस्थान पत्रिका लगातार मुद्दा उठाता रहा है। झील को नुकसान पहुंचाने के मामले में नगर निगम की लापरवाही और मिलीभगत के मुद्दे को लेकर पत्रिका ने कोर्ट का ध्यान दिलाया।
अजमेर प्रकरण: सीएस सुप्रीम कोर्ट में तलब
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही स्मार्ट सिटी विकास मिशन के तहत अजमेर शहर में वेटलैंड बहाली के संबंध में आदेश का पालन नहीं होने पर अवमानना कार्रवाई की चेतावनी दी। कोर्ट ने इस मामले में मुख्य सचिव को 17 मार्च को वीसी के माध्यम से हाजिर होने का आदेश दिया है। कोर्ट का कहना है कि 1 दिसम्बर 2023 के आदेश का पालन न होने के मामले में मुख्य सचिव को सुना जाना आवश्यक है।