Rajasthan Politics : राजस्थान कांग्रेस में है ऑल इज वेल! रंधावा की ‘डिनर डिप्लोमेसी’ ने दिया एकजुटता का मैसेज
Rajasthan Politics : राजस्थान के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कांग्रेस के 8 सांसदों को ‘डिनर’ पर बुलाया। अपनी इस नई कूटनीति के जरिए आलाकमान को पार्टी के भीतर एकजुटता का संदेश दिया।
Rajasthan Politics : राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस में गुटबाजी की खबरें बोतल की जिन्न की तरह बार-बार बाहर निकलती है। आंतरिक कलह और गुटबाजी की खबरों के बीच प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा एक बार फिर से एक्शन मोड में आ गए। सुखजिंदर सिंह रंधावा ने आलाकमान को पार्टी के भीतर एकजुटता का संदेश देने के लिए एक कूटनीतिक दांव चला। रंधावा ने कांग्रेस के आठ सांसदों को दिल्ली आवास पर डिनर के लिए बुलाया।
प्रदेश प्रभारी रंधावा के डिनर में सांसद राहुल कस्वां, बृजेंद्र ओला, मुरारी लाल मीणा, हरीश मीणा, उम्मेदाराम बेनीवाल, कुलदीप इंदौरा, भजनलाल जाटव और अनीता जाटव शामिल हुईं। साथ ही राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने डिनर का लुत्फ उठाया। यही नहीं इस डिनर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी मौजूद थे। डिनर के साथ आयोजित बैठक में राजनीतिक चर्चा हुई।
अलग-अलग गुटों में बंटे हुए हैं कांग्रेस सांसद!
चर्चा में है कि राजस्थान से कांग्रेस के लोक सभा सांसद भी अलग-अलग गुटों में बंटे हुए हैं। जैसे कहा जाता है कि सचिन पायलट खेमे में मुरारी लाल मीणा, हरीश चौधरी, बिजेंद्र ओला, कुलदीप इंदौरा शामिल हैं तो भजनलाल जाटव पूर्व सीएम अशोक गहलोत के समर्थक हैं।
अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बीच एक लम्बे समय से खींचतान चल रही है। इस सब जानकारी के बाद भी प्रदेश प्रभारी रंधावा ने अपनी ‘डिनर डिप्लोमेसी’ के तहत और अपने दोनों सिपहसालारों डोटासरा व जूली को साथ लेकर सांसदों के साथ लंबी सियासी चर्चा की। सबका दर्द सुना और उसकी दवा भी दी।
ऐसा पहली बार नहीं है जब प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी और मनभेद की चर्चा आम हुई है। पर आलाकमान तक खबर पहुंचते ही प्रदेश प्रभारी रंधावा अलर्ट हो जाते हैं और ऐसी सभी खबरों को अफवाह बताते हुए इसे खारिज कर देते हैं। साथ ही इस को भगवा पार्टी की साजिश बता देते हैं।
पर इस बीच राजस्थान में गठबंधन के 3 सांसदों हनुमान बेनीवाल, कामरेड अमराराम और राजकुमार रोत को डिनर पर नहीं बुलाया जाना सुर्खियां में आ गया है। सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है कि क्या माजरा है भाई।