अक्षय ऊर्जा निगम के पास ऐसे कई मामले आए, जिसे राजस्व विभाग को भेजा गया है। राजस्व विभाग ही इस पर होमवर्क कर रहा है। अभी निजी भूमि से काटे जाने वाले पेड़ों के लिए कई प्रावधान है, लेकिन अब सरकारी भूमि के मामले में भी विस्तृत प्रावधान लागू किए जाएंगे।
खेजड़ी के पेड़ काटने का मामला सड़क से लेकर विधानसभा तक गूंज चुका है। हाल ही जैसलमेर में विरोध-प्रदर्शन हुआ। एक समाज के लोगों की इस पेड़ से धार्मिक भावना भी जुड़ी हुई है। इसी कारण समाजबंधुओं ने भी जनप्रतिनिधियों के सामने रोष व्यक्त किया। विधायक रोहित बोहरा, रविन्द्र सिंह भाटी, विश्वनाथ मेघवाल सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक मामला उठा चुके हैं।
ये की गई मांग
- पर्यावरण प्रेमियों की मांग है कि खेजड़ी काटने के बदले न्यूनतम जुर्माना 2 लाख रुपए प्रति खेजड़ी किया जाए और 3 साल की सजा का प्रावधान हो।
- राजस्थान ट्री प्रोटेक्शन एक्ट बनाया जाए, ताकि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगे।
- सोलर प्लांट बंजर जमीन पर लगाएं।