लूटेरा नौकर बोला ‘पैसा-जेवर देखकर आ जाता है लालच’, पुलिस से सत्यापन कराने को न समझें झंझट, ये रखें सावधानियां
Case Of Robbery By Domestic Servant: जिन-जिन घरेलू नौकरों ने लूट की वारदातें अंजाम दी हैं, उनके मालिकों ने पहले से पुलिस सत्यापन नहीं करवाया था। हाल ही अंबाबाड़ी में व्यापारी देवेन्द्र अग्रवाल की पत्नी ज्योति अग्रवाल को बंधक बनाकर करीब 2 करोड़ रुपए के जेवर लूटे गए।
Jaipur News: राजधानी में हर साल 20 से 25 मकान मालिक घरेलू नौकरों की ओर से की गई लूट का शिकार बनते हैं। इसके बावजूद, अधिकांश मकान मालिक घरेलू नौकर रखने में लापरवाही बरतते हैं और उनके पुलिस सत्यापन की प्रक्रिया से बचते हैं।
पुलिस के अनुसार, जिन-जिन घरेलू नौकरों ने लूट की वारदातें अंजाम दी हैं, उनके मालिकों ने पहले से पुलिस सत्यापन नहीं करवाया था। हाल ही अंबाबाड़ी में व्यापारी देवेन्द्र अग्रवाल की पत्नी ज्योति अग्रवाल को बंधक बनाकर करीब 2 करोड़ रुपए के जेवर लूटे गए। इस घटना में भी दोनों घरेलू नौकरों का सत्यापन नहीं किया गया था।
गिरफ्तार हुए कई पूर्व आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वे मालिकों को उनके जेवर और पैसों के साथ देख कर लालच में आ गए थे और एक साथ मोटी रकम पाने के लिए चोरी की योजना बनाई। इसके अलावा, अगर कोई मालिक विरोध करता था तो उनपर हमले की धमकी दी जाती थी।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, राजधानी में लगभग तीन लाख घरेलू नौकरॉ होंगे, लेकिन सत्यापन केवल कुछ हजार का ही किया गया है। पुलिस ने हाल ही नज़र ऐप के जरिए नौकरॉ और किरायेदारों का डेटा लेना शुरू किया है और कुछ ही महीनों में 6 हजार घरेलू नौकरों की जानकारी एकत्र की है।
मकान मालिक के खिलाफ होगी कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अब अगर कोई नौकर या किराएदार अपने मकान मालिक के अलावा किसी और जगह वारदात करता है और उसका सत्यापन नहीं हुआ है, तो संबंधित मकान मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ऑनलाइन या ई-मित्र से कराएं सत्यापन
सिटीजन राजकॉप ऐप के जरिए या ई-मित्र के माध्यम से घरेलू नौकर और किराएदार का पुलिस सत्यापन करवाया जा सकता है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि कभी-कभी ऐप पर सत्यापन में समस्याएं आती हैं, लेकिन ई-मित्र के जरिए यह प्रक्रिया आसान होती है।
सुरक्षा के उपाय अपनाएं
घर पर महंगे आभूषणों को रखने की बजाय बैंक लॉकर में रखें।
घर पर अधिक कैश न रखें और घरेलू नौकर या अनजान लोगों के सामने जेवर या पैसे कभी न निकालें।
घरेलू नौकर और किराएदार रखने से पहले उनका पुलिस सत्यापन करवाएं।
सोसायटी, कॉलोनी या आवासीय बहुमंजिला इमारतों की समितियों को भी सत्यापन करवाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
“घरेलू नौकर, किराएदार या अन्य कर्मचारियों के सामने कभी अपनी आर्थिक स्थिति का खुलासा न करें। ऐसा करने से ही व्यक्ति को वारदात करने का विचार आता है। जेवरों को बैंक लॉकर में रखें और घर में सिर्फ जरूरी पैसे रखें।”