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नवसंवत्सर 2082 : सूर्य के अधीन सत्ता, क्या बदलेंगे भाग्य के सितारे?

Vikram Samvat 2082 : पंचग्रही योग का महासंयोग: नववर्ष में किस पर बरसेगी कृपा, कौन होगा प्रभावित? राजा भी सूर्य, मंत्री भी सूर्य – क्या यह योग देश के लिए शुभ रहेगा?

जयपुरMar 26, 2025 / 02:09 pm

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Navsamvatsar 2025 Ka Faladesh

Navsamvatsar 2025 Ka Faladesh Hindu Nav Varsh ka raja kaun hai: हिंदू नव वर्ष 2025 का राजा कौन है और इसका प्रभाव क्या होगा

 जयपुर. भारतीय नववर्ष विक्रम संवत 2082 की शुरुआत 30 मार्च 2025 से हो रही है, जो पंचग्रही योग और सूर्य के नेतृत्व में कई ज्योतिषीय बदलावों का संकेत दे रही है। इस संवत्सर में सूर्य न केवल राजा होंगे, बल्कि मंत्री भी बनेंगे, जिससे सत्ता और प्रशासनिक व्यवस्था में प्रभावी परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं।
जयपुर के ज्योतिषाचार्य पं. सुरेश शास्त्री के मुताबिक इस वर्ष में श्रेष्ठ वर्षा के योग बनेंगे। जून-जुलाई में गुरु ग्रह का अस्त व उदय भी इसमें सहायक होगा। मंगल-शनि का षडाष्टक योग तथा मंगल राहु के सम-सप्तक योग के साथ 13 जुलाई से साढ़े चार महीने तक शनि का वक्रत्व काल कहीं अतिवृष्टि तो कहीं अनावृष्टि, तूफान, भूस्खलपन, बाढ़, भूकंप आदि प्राकृतिक प्रकोप करेगा। शीतकाल में शुक्र का अस्त व उदय तथा धनु व मकर राशि में चतुर्ग्रही योग बनने से ओलावृष्टि, तूफान से हानि होगी।
जयपुर के ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शास्त्री के अनुसार चैत्र कृष्ण अमावस्या, 29 मार्च, शनिवार को गणितानुसार शाम 04 बजकर 28 मिनट पर नववर्ष का प्रवेश होगा, लेकिन यह 30 मार्च को सूर्योदय व्यापिनी तिथि के दिन से प्रारम्भ होगा। नववर्ष का शुभारंभ राजस्थान सहित समस्त भारत में (पूर्वोत्तर भारत के कुछ भागों को छोड़कर) सिंह लग्न में होगा। 
पंचग्रही योग—जिसमें सूर्य, चंद्रमा, शनि, बुध और राहु एक साथ मीन राशि में होंगे—राजनीतिक अस्थिरता, जलवायु परिवर्तन और सामाजिक उथल-पुथल का संकेत देता है। वैश्विक दृष्टि से देखें तो भारत के आर्थिक और कृषि क्षेत्र में यह वर्ष चुनौतियों से भरा रहेगा। सूर्य के राजा बनने से सूखे की संभावना बढ़ सकती है, जिससे खाद्य उत्पादन और दुधारू पशुओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
वहीं, ग्रहों की स्थिति के अनुसार, इस संवत्सर में प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप भी देखा जा सकता है। बाढ़, भूकंप और तूफान जैसी स्थितियां विश्व स्तर पर अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकती हैं। शनि और मंगल के प्रभाव से भारत में राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक आंदोलनों की संभावना भी बढ़ेगी।
हालांकि, अच्छी वर्षा के योग भी बन रहे हैं, जिससे कुछ क्षेत्रों में कृषि उत्पादन को राहत मिल सकती है। स्वर्ण और धातुओं के दाम बढ़ सकते हैं, जिससे बाजार में अस्थिरता देखने को मिलेगी। कुल मिलाकर, नवसंवत्सर 2082 आर्थिक, सामाजिक और प्राकृतिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद एक नए युग के परिवर्तन का संकेत देता है।

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