दरअसल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में तैयार किए गए इस डिजिटल मॉडल में यह साफ तौर पर दर्ज किया गया है कि कौन सा पदाधिकारी कितनी बैठकों में शामिल हुआ, कितने कार्यकर्ताओं को जोड़ा और संगठनात्मक गतिविधियों में उसकी भागीदारी कैसी रही। यह जानकारी सीधे AICC और प्रदेश नेतृत्व की निगरानी में रहेगी।
डोटासरा ने बताया की यह सिर्फ डाटा एंट्री नहीं है, बल्कि यह कांग्रेस संगठन की रीब्रांडिंग है। अब संगठन में वही लोग रहेंगे जो सक्रिय हैं और जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। परफॉर्मेंस ही प्रमोशन का आधार बनेगा।
एक क्लिक में सामने आएगा ब्लूप्रिंट
बता दें, डिजिटल प्लेटफॉर्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि प्रदेश के किसी भी कोने से संगठन की पूरी स्थिति एक क्लिक में सामने आ जाएगी। किस मंडल में कितनी बैठकें हुईं, किस ब्लॉक में कितने नए कार्यकर्ता जुड़े और कौन सा पदाधिकारी लंबे समय से निष्क्रिय है, अब ये सारी जानकारी डिजिटल होगी।
निष्क्रिय नेताओं की कांग्रेस से विदाई तय
सूत्रों की मानें तो इस डाटा के आधार पर जल्द ही कांग्रेस संगठन में व्यापक फेरबदल होगा। वर्षों से पदों पर जमे निष्क्रिय नेताओं की छुट्टी की जाएगी और उनकी जगह युवाओं, महिलाओं और ऊर्जावान कार्यकर्ताओं को संगठन में जगह दी जाएगी। पार्टी का फोकस अब गतिशील और जमीनी स्तर पर सक्रिय नेतृत्व को आगे लाने पर है।
राष्ट्रीय स्तर पर लागू होगा मॉडल
गौरतलब है कि राजस्थान का यह डिजिटल संगठनात्मक मॉडल जल्द ही देशभर में कांग्रेस के लिए रोल मॉडल बन सकता है। राष्ट्रीय अधिवेशन में संगठन निर्माण पर जो बातें रखी गई थीं, वे अब धरातल पर उतरती नजर आ रही हैं। कांग्रेस की कोशिश है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी हो और हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
डिजिटल डाटा वेबसाइट पर होगा सार्वजनिक
इस पूरी प्रक्रिया का डेटा जल्द ही कांग्रेस की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जाएगा, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और कार्यकर्ता भी यह जान सकें कि संगठन में किसका कितना योगदान है। इससे यह संदेश भी जाएगा कि कांग्रेस अब पुराने ढर्रे से निकलकर एक आधुनिक, जवाबदेह और सक्रिय संगठन की दिशा में आगे बढ़ रही है।