इसके तहत होली-धुलंडी के दिन भक्त ठाकुरजी के दर्शन कर सीधे ही बाहर चले जाएंगे। ऐसे में गोविंद देव जी मन्दिर में पहली बार बिना गुलाल के भक्तों ने होली खेली। जूते-चप्पल पहनकर आने वालों के लिए अलग लाइन और बिना जूते-चप्पल वालों की अलग लाइन रहेगी। इस व्यवस्था से होली पर गुरुवार को मंदिर परिसर (जगमोहन) सूना-सूना सा नजर आया। उधर, गोविंददेवजी मंदिर में सारे नियम आम श्रद्धालु के लिए ही हैं। वीआइपी भक्त के लिए कोई रोकटोक नहीं है।