अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अरुण जाटावत ने बताया कि घटना को लेकर पीड़िता ने 16 जनवरी, 2019 को करणी विहार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा कि शहर के पुस्तकालय में उसकी पहचान अभियुक्त से हुई थी। इस दौरान अभियुक्त ने उसे अविवाहित बताते हुए शादी का झांसा दिया। अभियुक्त ने उसे होटल ले जाकर संबंध बनाए। वहीं बाद में गर्भवती होने पर उसका गर्भपात भी कर दिया। इसके बाद कुछ माह पहले अभियुक्त ने उसे एक फ्लैट में रखकर आए दिन देह शोषण किया। इस दौरान उसे पता चला कि अभियुक्त विवाहित है।
रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया। दूसरी ओर अभियुक्त की ओर से कहा गया कि पीड़िता उसकी मां के फ्लैट में रह रही है। जब उसने फ्लैट खाली कराने के लिए कहा तो पीड़िता ने उसे हड़पने की नीयत से झूठा मामला दर्ज करा दिया। पीड़िता अभी भी उसी फ्लैट में रह रही है और उनका किराया अधिकरण कोर्ट में मुकदमा भी लंबित है। इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनी। जिसके आधार पर दोनों पक्षों की बहस सुनकर अदालत ने अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया है।