किरोड़ी लाल मीणा के साथ राज्य कृषि आयोग अध्यक्ष सीआर चौधरी, कृषि सचिव राजन विशाल, कृषि आयुक्त चिन्मयी गोपाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
बैठक में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की दो टूक
बैठक में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने दो टूक कहा कि अब विभाग में कामचोर और भ्रष्ट अधिकारियों की कोई जगह नहीं है।”उन्होंने खाद, बीज और दवाओं के लाइसेंस एवं नवीनीकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने खुलासा किया कि कई कर्मचारी लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं, जिन पर अनियमितताओं के गंभीर आरोप हैं। एक अधिकारी का ज़िक्र करते हुए कहा गया कि कृषि अनुसंधान अधिकारी से डिप्टी डायरेक्टर तक की यात्रा में वह जमकर घोटाले में लिप्त रहा है।
योजनाओं में गड़बड़ी की जांच के आदेश
मीणा ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पॉलीहाउस आवंटन से जुड़ी एक गंभीर अनियमितता की ओर भी इशारा किया। उन्होंने पूर्व विधायक दानिश अबरार की मां यास्मीन अबरार को एक ही दिन में पॉलीहाउस दिए जाने की जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के कई फैसले और योजनाएं अब जांच के दायरे में आएंगी। कबाड़ और गड़बड़ियों को सामने लाया जाएगा।
अब एक्टिवली करूंगा काम- किरोड़ी लाल
डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि कि लोकसभा चुनाव में हार और नैतिकता के आधार पर उन्होंने इस्तीफा दिया था, लेकिन सरकार ने अब तक स्वीकृति नहीं दी। उन्होंने कहा कि मैं कुछ समय तक एक्टिव नहीं था, लेकिन अब पूरी तरह सक्रिय हूं। विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ काम होगा। उन्होंने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि बीजों और खाद में मिलावट करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे लोग गरीब किसानों के साथ धोखा कर रहे हैं। अब किसी की सिफारिश नहीं चलेगी। उन्होंने इस बैठक में भरतपुर ज़ोन के अधिकारियों की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठाए और जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि कई अधिकारी जवाब देने की स्थिति में नहीं थे, जिससे साफ है कि कहीं न कहीं गड़बड़ी जरूर है।
पिछले 9 महिने की भरपाई देंगे- किरोड़ी लाल
किरोड़ी लाल मीणा ने कृषि विभाग की बैठक के बाद कहा कि पिछले राज में कृषि विभाग में करोड़ों का कबाड़ा हुआ, लेकिन अब वे पिछले 9 महिने की भरपाई देंगे। अपने इस्तीफ के सवाल पर किरोड़ी लाल मीणा ने फिर से सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने नैतिकता के नाते इस्तीफा दिया था, लेकिन वह स्वीकार नहीं हुआ। ऐसे में उन्हें लगने लगा कि इस्तीफा स्वीकार नहीं होने से मेरा विभाग उजड़ रहा था, इसलिए मैनें अब विभाग की बैठक ली है, आगे अब विभाग के लिए काम करूंगा।
डोटासरा के साडू वाले बयान पर कसा तंज
इस दौरान दिल्ली दौरे और गोंविद डोटासरा के साडू वाले बयान पर किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि अगर साढू, साढू की चिंता नहीं करें तो साढू किस बात का? उन्होंने यह भी कहा कि वे दिल्ली जनता के काम से गए थे। तीन मंत्रियों से मिले, उन्हें सार्वजनिक काम के लिए कहा था। इसके लिए राजनीतिक तौर पर दिल्ली में उनकी किसी से बात नहीं हुई? दरअसल, 9 महीने पहले लोकसभा चुनाव के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार के कामकाज तरीके से नाखुश होकर अपने कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद से वह विभाग की किसी बैठक में भाग नहीं ले रहे थे। यहां तक की कैबिनेट की बैठक और दूसरे सरकारी कार्यक्रमों से भी उन्होंने अपने आप को दूर रखा हुआ था।