टेंडर पर गौर करें तो एक वाटर कूलर पर पौने दो लाख रुपए खर्च होंगे। जबकि, बीएसआर पर करते हुए यह काम आधे से कम पैसे में हो जाता। यानी विद्युत शाखा ने सेवा के नाम पर चहेतों को फायदा पहुंचाने की पूरी तैयारी कर ली है। हैरानी की बात यह है कि इनको कहां लगाया जाएगा खुद निगम को भी नहीं पता है। वहीं, दूसरी ओर भामाशाहों के सहयोग से शहर में वाटर कूलर और प्याऊ लगाए जा रहे हैं।
बीएसआर की दर ये कूलिंग कैपेसिटी स्टोरेज कैपेसिटी रेट (रुपए में) 150 लीटर 150 लीटर 77775 60 लीटर 120 लीटर 66038 40 लीटर 80 लीटर 59305 निगम ये कर रहा
50 लीटर 150 लीटर 1.75 लाख (कूलिंग कैपेसिटी प्रति घंटा का है) ऐसे लगवाने की तैयारी जोन अनुमानित लागत (लाख रुपए में) संख्या हवामहल-आमेर 52.53 30 सिविल लाइंस 41.86 24
किशनपोल 36.63 21 आदर्श नगर 43.61 25 (हैरानी की बात यह है कि एक भी जगह चिन्हित नहीं की गई है। टेंडर में लिखा है कि जोन के विभिन्न क्षेत्रों में लगाए जाएंगे।)
….. कई जगह के वाटर कूलर हो गए खराब एक बार वाटर कूलर लगाने के बाद निगम इनकी सुध लेना भूल जाता है। यही वजह है कि सिविल लाइन्स से लेकर आदर्श नगर, किशनपोल और हवामहल-आमेर जोन में कई वाटर कूलर खराब पड़े हैं। निगम इनका रख रखाव भी नहीं कर पा रहा है। सिविल लाइन्स के राजभवन पार्क में लगे वाटर कूलर को ही निगम सही नहीं करा पाया है। जबकि, यह निगम सीमा क्षेत्र का सबसे पॉश इलाका है। इसके अलावा शिवाजी नगर, मालियों की बगीची में भी वाटर कूलर खराब पड़े हैं।