इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ शोभन और रवि योग का संयोग बन रहा है। अक्षय तृतीया पर सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा। इसके साथ ही लक्ष्मी नारायण राज योग का निर्माण हो रहा है। मान्यताओं के अनुसार इस योग में धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने और सोना खरीदने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
मां लक्ष्मी की पूजा व सोना खरीदना शुभ
वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को किए गए कार्यों से अक्षय फलों की प्राप्ति है। इस दिन जो भी शुभ कार्य, पूजा पाठ या दान-पुण्य आदि किया जाता है, वो सब अक्षय हो जाता है। अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और व्यक्ति के घर का भंडार सदैव धन-धान्य से भरा रहता है। लक्ष्मीनारायण राजयोग
अक्षय तृतीया के दिन 30 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 2 मिनट तक शोभन योग रहेगा। इसके साथ ही इस दिन रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन मीन राशि में शनि, बुध, शुक्र और राहु विराजमान रहेंगे, जिससे चतुर्ग्रही योग के साथ मालव्य, लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही चंद्रमा वृषभ राशि में गुरु के साथ विराजमान है, जिससे गजकेसरी राजयोग का भी निर्माण हो रहा है।
अक्षय तृतीया और शुभ मुहूर्त
पं दिनेश दास ने बताया कि पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया की शुरूआत 29 अप्रैल की शाम 5: 31 बजे होगा। इसकी समाप्ति 30 अप्रैल को दोपहर 2:12 बजे होगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 11 मिनट से दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त पर पूजा करना उत्तम और फलदायी माना जा रहा है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा एवं उपासना के साथ ही स्वर्ण (सोना) और सोने से निर्मित आभूषणों की खरीदारी की जाती है।