script8 हजार करोड़ से बनेगा जबलपुर-भोपाल हाई स्पीड कॉरिडोर, 57 किलोमीटर कम हो जाएगी दूरी | Jabalpur-Bhopal high speed corridor will be built with 8000 crores, 57 km distance reduced | Patrika News
जबलपुर

8 हजार करोड़ से बनेगा जबलपुर-भोपाल हाई स्पीड कॉरिडोर, 57 किलोमीटर कम हो जाएगी दूरी

high speed corridor : संस्कारधानी से राजधानी की दूरी कम करने हाई स्पीड कॉरिडोर बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है।

जबलपुरMar 26, 2025 / 11:33 am

Lalit kostha

high speed corridor

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high speed corridor : संस्कारधानी से राजधानी की दूरी कम करने हाई स्पीड कॉरिडोर बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। इसके लिए एनएचएआई प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने और कंसलटेंसी नियुक्त करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वर्तमान सड़क से जबलपुर और भोपाल के बीच की दूरी 312 किलोमीटर है, जो नए कॉरिडोर के बनने पर 255 से 260 किलोमीटर के लगभग रह जाएगी। हाई स्पीड कॉरिडोर केन्द्र सरकार के विजन 2047 के तहत तैयार किया जाना है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई ग्रीन फील्ड हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण करने जा रहा है है। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 8,000 करोड़ रुपये है।

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high speed corridor : ऐसा होगा संभावित रूट-

हाई स्पीड कॉरिडोर का नया रूट जबलपुर, तेंदुखेड़ा, नौरादेही वन क्षेत्र और रायसेन होते हुए भोपाल की ओर जाएगा। निर्माण एजेंसी एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार कॉरिडोर को तैयार करने के लिए मौजूदा मार्ग के कुछ हिस्से का भी इस्तेमाल किया जाएगा।

high speed corridor : फैक्ट फाइल-

  • 255 किलोमीटर लंबाई
  • 8 हजार के लगभग करोड़ निर्माण लागत
  • 30 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर के लगभग आएगी निर्माण लागत
  • 57 किलोमीटर कम हो जाएगी संस्कारधानी से राजधानी की दूरी
  • वन भूमि का किया जाएगा अधिग्रहण
  • रूट के और विकल्प को फाइनल करने कनसल्टेंट की नियुक्ति
  • दुर्घटना मुक्त यात्रा के लिए कॉरिडोर में होंगी आवश्यक सुविधाएं
  • जबलपुर, तेंदुखेड़ा, नौरोदेही, रायसेन होते हुए भोपाल होगा नया रूट
  • नए रूट का एक उद्देश्य ये भी की औबदुल्लाहगंज से होकर ना जाना पड़े भोपाल
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Jabalpur-Bhopal Road : दूरी कम होगी समय बचेगा-

नया कॉरिडोर तैयार करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि जबलपुर व भोपाल के बीच की दूरी कम हो और यात्रा का समय बचे। नए रूट में अब्दुल्लाहगंज से होकर न जाना पड़ेगा इससे दूरी कम होने पर समय की भी बचत होगी।मौजूदा रूट से हटकर यह नया मार्ग और भी ज्यादा सुविधाजनक होगा।

Jabalpur-Bhopal Road : वन भूमि का करना होगा अधिग्रहण-

हाई स्पीड कॉरिडोर के निर्माण में एक बड़ी चुनौती वन भूमि का अधिग्रहण की भी होगी। इसके लिए संबंधित विभागों से अनुमति की जरूरत पड़ेगी। इस प्रक्रिया में ज्यादा समय लग सकता है।
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Jabalpur-Bhopal Road : रूट के विकल्पों के लिए नियुक्त किया जाएगा कंसल्टेंट-

नया मार्ग बनाने के लिए विभिन्न रूट विकल्पों पर विचार किया जाएगा। इसके लिए एक कंसलटेंट नियुक्त किया जाएगा। हिरन नदी के पास से नया मार्ग बनाने की योजना है, जो रायसेन होते हुए भोपाल की ओर जाएगा। यह मार्ग अधिक सीधा और तेज होगा, इससे यात्रा की समयावधि में कमी आएगी।

Jabalpur-Bhopal Road : सड़क सुरक्षा का रखा जाएगा पूरा ख्याल

निर्माण एजेंसी एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार हाई स्पीड कॉरिडोर को डिजाइन तैयार करने में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि मार्ग सीधा हो। जिसमें ज्यादा कर्व ना हों। जिससे गाड़ियों की गति बनी रहे। हाई स्पीड कॉरिडोर में सड़क पर सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा। जिसमें स्पीड सेंसर, जीपीएस ट्रैकर और एक्सीडेंट फ्री यात्रा के लिए आवश्यक सुविधाएं होंगी। सड़क को दोनों साइड से कवर किया जाएगा, जिससे की वाहन बिना रुकावट के तेज गति से दौड़ सकें और किसी भी तरह के हादसे से बचाव हो।
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Jabalpur-Bhopal Road : जबलपुर-भोपाल के बीच हाई स्पीड कॉरिडोर के निर्माण के लिए डीपीआर बनाने और दोनों शहरों के बीच दूरी में कमी के लिए रूट के विकल्प को फाइनल करने कंसल्टेंसी नियुक्त करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रस्तावित रूट पर हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण होने पर दोनों शहरों के बीच की दूरी लगभग 55-60 किलोमीटर कम हो जाएगी।
  • अमृत लाल साहू, प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआई

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