हर घर के लिए डिजिटल पता उपलब्ध करवाने का पायलेट प्रोजेक्ट इसी माह वार्ड 82 से शुरू होगा। हर विधानसभा में दो-दो चौराहों का सम्पूर्ण विकास और सौंदर्यीकरण होगा। हर विधानसभा में एक वाइट टॉपिंग रोड होगी। यूरेशियन गार्डन की तर्ज पर हर जोन में एक गार्डन बनाया जाएगा। इस बजट को विजन-2050 बताया जा रहा है।
फर्जी बिल घोटाले में क्या हुआ, कितनी वसूली हुई?
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जैसे ही बजट सम्मेलन में बजट पेश किया, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे सहित अन्य विपक्ष के नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। चौकसे ने सभापति मुन्नालाल यादव को संबोधित करते हुए कहा कि हम पूरा बजट शांति से सुनेंगे, उससे पहले मेरा सवाल है कि नगर निगम में जो करोड़ों का फर्जी बिल घोटाला हुआ, उसमें आपने क्या किया? कितने रुपयों की वसूली हुई और कितनी वसूली होगी? विपक्ष का हंगामा देख कई पार्षद और एमआइसी सदस्य भी हंगामा करने लगे। अंत में महापौर भार्गव ने कहा कि आप लोगों की समस्या यही है कि आप सुनते नहीं हैं। पिछली बार भी यही हुआ था। आपने बजट सम्मेलन के दौरान बहिष्कार कर दिया था और बाहर बैठ गए थे। आप भरोसा रखें, आपके एक-एक सवाल का जवाब मिलेगा। उससे पहले बजट पेश किया जा रहा है, इसे सुन लें आपको इसके साथ ही जवाब मिल जाएगा। इसके बाद महापौर ने बजट भाषण शुरू किया
पोर्टल पर देरी के लिए माफी मांगी
महापौर भार्गव ने कहा कि हमारा पूरा फोकस डिजिटल सिटी पर है। मैं मानता हूं कि 1 अप्रैल से हमें यह पोर्टल शुरू करना था। इसे शुरू करने में देरी हुई है। मैं इसके लिए क्षमा चाहता हूं, लेकिन पोर्टल और सुपर ऐप का काम 15 अप्रैल से शुरू हो जाएगा। दो महीने में वह काम करना शुरू कर देगा। इसकी एजेंसी फाइनल हो गई है, उसका टेंडर हो चुका है। यह बजट 2050 के लक्ष्य को ध्यान में रखकर शुरू किया गया है। हमने अर्नेस्ट एंड यंग जैसी दुनिया की दूसरी बड़ी कंपनी को टेंडर देने का काम किया है, जो आज से आने वाले 50 साल की तकनीक पर यह पोर्टल बना रही है।
महापौर ने आखिर माना नर्मदा का 20% पानी हो रहा बर्बाद
नर्मदा का 20 फीसदी पानी लीकेज से रोज बर्बाद हो रहा है। पत्रिका ने 17 फरवीरी 2024 को इसका खुलासा कर जिम्मेदारों को चेताया था। गुरुवार को महापौर ने सदन में इस पर मुहर लगा दी। कहा कि शहर में बेहतर वाटर डिस्ट्रीब्यूशन प्लान की जरूरत है। नर्मदा से 401 एमएलडी और यशवंत सागर से 30 एमएलडी पानी ही आता है। लेकिन ये शहर की जरूरत के हिसाब से कम है।