इंदौर के वरिष्ठ वकील बताते हैं कि आनंद मोहन माथुर की प्रदेश के साथ ही देशभर में कानून विशेषज्ञ के रूप में खासी ख्याति थी। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कानूनी विशेषज्ञ के तौर पर देश का नेतृत्व भी किया।
आनंद मोहन माथुर देशभक्त थे और आजादी की लड़ाई में शामिल हुए। वे वकालत के साथ ही सामाजिक कुरीतियों और अन्याय के खिलाफ भी खुलकर लड़ाई लड़ने में विश्वास रखते थे। स्वर्गीय आनंद मोहन माथुर ने अधिवक्ता के रूप में कानून के जानकार होने और वकालत के अनुभव का पीड़ितों और शोषितों के हित में उपयोग किया। अधिवक्ता बनने के पहले उन्होंने कॉलेज में अध्यापन कार्य भी किया।
परिजनों के मुताबिक पूर्व महाधिवक्ता आनंद मोहन माथुर का अंतिम संस्कार 23 मार्च को रामबाग मुक्तिधाम पर किया जाएगा। इससे पहले उनके निज निवास रतलाम कोठी से सुबह 11 बजे से अंतिम यात्रा निकलेगी।
पूर्व महाधिवक्ता आनंद मोहन माथुर के निधन पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने शोक जताया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी, वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने एक्स हेंडल पर पोस्ट करते हुए माथुर के निधन पर दुख व्यक्त किया।