शिवगंज की रिंकी जैन ने राजस्थानी परिवेश के साथ किया राजस्थान का सुन्दर चित्रण, पाया पहला स्थान
राजस्थान पत्रिका हुब्बल्ली संस्करण के बीसवें स्थापना दिवस तथा राजस्थान दिवस के मौके पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में रिंकी जैन ने बेहतरीन तरीके से राजस्थानी में अपनी बात रखी। अपने अनूठे अंदाज में राजस्थान की कला-संस्कृति के साथ ही हर पक्ष को उजागर करने का प्रयास किया। बालोतरा जिले के रमणिया की कंचन ओसवाल दूसरे और सिवाना की नीतू बागरेचा तीसरे स्थान पर रही


कर्नाटक के गदग में राजस्थान दिवस पर आयोजित प्रतियोगिता में विजेता एवं प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त प्रतिभागी।
बिना अटके राजस्थानी भाषा में दी प्रस्तुति
प्रतियोगिता में भाग ले रही प्रतिभागियों को राजस्थानी में अपनी बात रखनी थी। राजस्थान मूल की सभी महिलाओं ने राजस्थानी भाषा में बात करते हुए राजस्थान का खाका खींचा। गदग (कर्नाटक) में वीर बालिका एवं महिला मंडल की मेजबानी में आयोजित प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने कहा कि राजस्थान अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक किलों, महलों, रेगिस्तानी परिदृश्य और राजपूत वीरता के लिए प्रसिद्ध है। जयपुर का आमेर किला, हवा महल, सिटी पैलेस, जल महल, उदयपुर का लेक पैलेस, सिटी पैलेस, फतेह सागर झील, जोधपुर का मेहरानगढ़ किला, उम्मेद भवन पैलेस, जैसलमेर का सोनार किला, चित्तौडग़ढ़ का चित्तौडग़ढ़ किला, विजय स्तंभ, कीर्ति स्तंभ, अजमेर का ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, माउंट आबू की नक्की झील, दिलवाड़ा जैन मंदिर अपने आप में अद्वितीय है। राजस्थान की संस्कृति इसकी लोक कलाओं, संगीत, नृत्य, भोजन और पारंपरिक परिधानों में झलकती है। लोक नृत्य में घूमर, कालबेलिया, चकरी और लोक संगीत में मांड, मागणियार अपने आप में अनूठे हैं। यहां के त्योहार निराले हैं। पुष्कर मेला, गणगौर, तीज, दीपावली, होली, मकर संकांति जैसे पर्व है। राजस्थान की दाल-बाटी-चूरमा, गट्टे की सब्जी, केर-सांगरी, मिर्ची बड़ा का कहना ही क्या है। राजस्थान की अर्थव्यवस्था मुख्यत: पर्यटन, कृषि पशुपालन और खनिज संसाधनों पर आधारित है। यहां संगमरमर, जिप्सम, चूना पत्थर और तांबे के भंडार पाए जाते हैं। पर्यटन राजस्थान की आय का एक प्रमुख स्रोत है, जिसमें ऐतिहासिक किले, महल, रेगिस्तान सफारी और वन्यजीव अभयारण्य मुख्य आकर्षण हैं।
प्रतियोगिता के विजेता
प्रतियोगिता में रिंकी जैन शिवगंज प्रथम, कंचन ओसवाल रमणिया द्वितीय एवं नीतू बागरेचा सिवाना तृतीय रही। मीनल बाफना मोकलसर, लक्ष्मी पारेख मोकलसर, डिंकी फोलामूथा सायला, संगीता बाफना मोकलसर, विनीता बाफना मोकलसर, मंजू बागरेचा सिवाना की प्रस्तुति भी सराहनीय रही। निकिता राजपुरोहित रेवतड़ा निर्णायक थी। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
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