बताई समय की महत्ता, दी ईमानदारी की सीख
फादर्स डे पर विशेषजानिए पिता और संतान के रिश्ते ही अहमियत


हुब्बल्ली. मां अगर पैैरों पे चलना सिखाती है, तो पैरों पे खड़ा होना सिखाता है पिता और कभी कितना तन्हा और अकेला है पिता, मां तो कह देती है अपने दिल की बात, सब कुछ समेट के आसमान सा फैला है पिता। किसी कवि की यह पंक्तियां निश्चित ही एक पिता की भूमिका को सही मायने में स्पष्ट कर देती है। हर साल जून के तीसरे रविवार को दुनियाभर में फादर्स डे मनाया जाता है। यह दिन हमारी जिंदगी में पिता की अहमियत और उन्हें सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस फादर्स डे पर जानते हैं कि एक पिता की अपनी संतान के प्रति कितनी अहमियत है और बेटा-बेटी का पिता को लेकर कितना सम्मान व प्रेम हैं।
पिता: विक्रम मांडौत जैन, हुब्बल्ली
मैंने अपने बच्चों को बहुत सारी बातें सिखाई हैं। मैंने उन्हें समय का महत्व, संयम, ईमानदारी, और मेहनत करने की सीख दी। उन्हें सही मार्गदर्शन दिया। यह सिखाया कि अपने सपनों को हासिल करने के लिए मेहनत जरूरी है। मैंने अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दिया। उन्हें अच्छी शिक्षा के महत्व को समझाया। यह सुनिश्चित किया कि वे अपने अध्ययन को प्राथमिकता दें। मेरा मानना है कि शिक्षा बच्चों की सफलता की मूल नींव होती है और मैंने उन्हें इसे समझाने का प्रयास किया है। मेरा योगदान अपने बच्चों की सफलता में बहुत महत्वपूर्ण है। मैंने उन्हें उनके करियर के चयन में मदद की है और उन्हें सही दिशा में निर्देशित किया है। मेरी यही इच्छा है कि मेरे बच्चे समृद्ध और सफल जीवन बिताएं।
मेरा विचार कि बच्चों की शादी में ज्यादा खर्च करने की बजाय उनकी शिक्षा में ज्यादा खर्च करना चाहिए। मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूं। शिक्षा ही एक ऐसी चीज़ है जो बच्चों को स्वतंत्रता, समृद्धि और समाज में अच्छी स्थिति हासिल करने की क्षमता प्रदान करती है। मैं यही सोचता हूं कि बच्चों को उनके करियर का मौका देना चाहिए और उन्हें सपनों को पूरा करने के लिए स्वतंत्रता और समर्थन प्रदान करना चाहिए। बच्चों को हिम्मत और निडर रहने की सलाह देनी चाहिए और उन्हें संघर्षों के साथ सामना करने की क्षमता देनी चाहिए।
बेटी: सुहानी मांडौत जैन
कक्षा: दसवीं
लक्ष्य: पायलट बनना
पिता से मैंने बहुत सारी बातें सीखी हैं। उन्होंने मुझे ईमानदारी, मेहनत और संयम की महत्ता बताई। पिता से सीख मिली कि मेहनत करने से हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं तथा सच्चाई और ईमानदारी से जीवन जीना चाहिए। पिता से मुझे बहुत प्यार है। वे मेरे लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं और मेरी हर चीज़ में सहायता करते हैं। वे मेरी खुशियों और दु:खों में हमेशा मेरे साथ होते हैं और मुझे प्यार और समर्थन प्रदान करते हैं। सफलता हासिल करने में पिता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वे मुझे संघर्ष करने और संघर्षों के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने का महत्व सिखाते हैं। उनके मार्गदर्शन में मैं जानती हूं कि मुझे किसी भी चीज़ को हासिल करने के लिए मेहनत करनी होगी और हार नहीं माननी होगी। मैं पापा को अपना दोस्त मानती हूँ। हम एक-दूसरे के साथ हर बात साझा करते हैं। पापा मेरे सबसे अच्छे दोस्त हैं और मुझे हमेशा समझते हैं। पिता को गाने सुनना अच्छा लगता है। उन्हें घूमना-फिरना भी पसंद है।
बेटी: चहक मांडौत जैन
फैशन डिजाइनिंग की छात्रा
पिता से क्या बातें सीखी
पापा से मैंने बहुत सी बातें सीखी हैं। सबसे पहले तो मैंने उनसे कभी हार नहीं मानने की बात सीखी है। वे मुझे हमेशा यह बताते हैं कि जीवन में हार-जीत होती रहती है और महत्वपूर्ण है कि हम हार के बाद भी फिर से उठें और कोशिश करें। उन्होंने मुझे संघर्ष करने की कला सिखाई है और हमेशा मुझे प्रेरित किया है कि मैं अपने सपनों को पूरा करने के लिए समर्पित रहूं।
पिता से कितना प्यार
मेरे लिए पिता से प्यार की कोई सीमा नहीं है। उन्होंने हमेशा मुझे प्यार और स्नेह से पाला है और मेरे सभी सपनों का समर्थन किया है। उनकी ममता और प्यार मेरे लिए अनमोल हैं और मैं हमेशा उनके साथ खुश रहना चाहती हूं।
मुकाम हासिल करने में पिता की कितनी भूमिका
ेपिता ने मुझे सदैव संघर्ष करने की बात सिखाई है और मुझे आत्मविश्वास दिया है कि मैं किसी भी मुश्किल हालात से सामना कर सकती हूं। उनका साथ, मार्गदर्शन और प्रेरणा हमेशा मेरे साथ होती है।
क्या पापा को दोस्त मानते हैं
हां, मैं पापा को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानती हूं। हम एक दूसरे के साथ हंसते-मुस्कुराते हैं, बातें करते हैं, मजाक-मस्ती करते हैं और साथ में खेलते भी हैं। वे मेरे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और मैं हमेशा उनके साथ अपनी खुशियों और दु:खों को साझा करना पसंद करती हूं।
पिता की क्या चीजें खास पसंद
पिता की कुछ खास चीजें हैं जो उन्हें खूब पसंद हैं। उन्हें गीत सुनना और गाना गाना बहुत पसंद है। वे अपनी पसंदीदा किताबें पढऩे का शौक रखते हैं। वे मेरे साथ समय बिताना, फि़ल्म देखना और यात्राएं करना पसंद करते हैं।
बेटा: धन्य जैन
ूबीआर्क का छात्र
पिता से क्या बातें सीखी
मैंने पिता से बहुत कुछ सीखा है। सबसे पहले उन्होंने मुझे कठिनाइयों का सामना करने की कला सिखाई है। वे मुझे सदैव हार न मानने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने मुझे सच्चाई और ईमानदारी का महत्व सिखाया है। पिता ने मुझे कठिनाइयों को चुनौती के रूप में देखने की क्षमता दी है और इससे मैंने अपने जीवन में बड़े-बड़े संघर्षों को भी संभाला है।
पिता से कितना प्यार
पिता से मेरा अपार प्यार है। मेरे लिए वे मेरे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और मैं हमेशा उनकी कद्र करती हूं। मैं हमेशा उनके साथ अपनी सभी खुशियां और दु:ख बांटती हूं और वे हमेशा मेरे साथ होते हैं।
सफलता हासिल करने में पिता की कितनी भूमिका
मेरा सफलता में पिता की बहुत बड़ी भूमिका है। वे मेरे सपनों और लक्ष्यों का समर्थन करते हैं और मुझे सही मार्गदर्शन देते हैं। पिता मेरे साथ हर समय होते हैं, चाहे वह मेरे अच्छे दिन हों या कठिन समय। उनका साथ मुझे आत्मविश्वास और सामथ्र्य प्रदान करता है, जिससे मैं अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ सकता हूं।
क्या पापा को दोस्त मानते हैं
हां, मैं पापा को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानता हूं। हमेशा जब मैं किसी बात पर बातचीत करना चाहता हूं या सहायता की जरूरत होती है, तो मैं अपने पापा के पास जाता हूं। उन्होंने हमेशा मेरी सुनी है और मुझे समझा है, जो मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम एक-दूसरे के साथ खुलकर मुसीबतों और सुख-दु:ख को साझा करते हैं, जिससे हमारी बातचीत और रिश्ता मजबूत होता है।
पिता को क्या चीजें खास पसंद
पिता को सबसे ज्यादा परिवार और बच्चों के साथ समय बिताना पसंद है। उन्हें खुशी मिलती है जब हम सब एक साथ होते हैं और समय बिताते हैं। वे हमारे साथ गर्मियों में छुट्टियां मनाने जाना पसंद करते हैं और हमारे साथ अनुभवों को बांटने का आनंद लेते हैं। वे स्वास्थ्य और सेहत को भी बहुत महत्व देते हैं और हमेशा हमारे स्वस्थ रहने का ध्यान रखते हैं।
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