मोटे कमर वाले पुरुषों में कैंसर का खतरा (प्रतीकात्मक फोटो)
Cancer News: कैंसर को लेकर आए दिन शोध हो रहे हैं। इससे जुड़ी कई चीजें सामने आ रही हैं। कैंसर (Cancer) की एक स्टडी में ये पाया गया है कि पुरुषों के कमर की चौड़ाई (मोटाई) कैंसर के जोखिम को बढ़ाती है। ये स्टडी करीब 3 लाख से अधिक पुरुषों पर की गई। उसमें ये बात सामने आई कि कमर का मोटापा पुरुषों के लिए कैंसर के खतरे की घंटी है। इस स्टडी में और क्या बातें सामने आई हैं, हम जानेंगे।
भारत में मोटापा (सोर्स- नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे, भारत सरकार, वर्ष- 2021) साल 2021 में भारत सरकार द्वारा किए गए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार, लगभग 23% भारतीय पुरुषों और 24% महिलाओं का वजन सामान्य से अधिक है। इसका मतलब है कि भारत मोटापे के संकट से जूझ रहा है। साल 2050 तक 45 करोड़ लोग मोटापे से ग्रस्त हो सकते हैं। इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी भी लगातार इसको लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। साथ ही कुकिंग ऑयल जैसी चीजों के सेवन को कम करने की भी गुहार की जा रही है।
इसलिए मोटापे के खतरा को देखते हुए इस स्टडी को लेकर भारतीय पुरुषों को सचेत होने की जरूरत है।
ऐसी महिलाओं में नहीं कैंसर का खतरा
मोटे कमर वाले पुरुषों में तो कैंसर का खतरा बताया जा रहा है। कमर की परिधि यानी वेस्ट सरकम्फ्रेंस (डब्ल्यूसी) पुरुषों में मोटापे से जुड़े कैंसर का बड़ा संकेतक हो सकती है। हालांकि, महिलाओं के लिए राहत की बात है कि उनके लिए कैंसर का खतरा नहीं है।
कमर की चर्बी BMI से अधिक खतरनाक क्यों?
इस स्टडी में ये बताया गया है कि बॉडी मास इंडेक्स (BMI) आमतौर पर शरीर के आकार को मापता है। लेकिन यह चर्बी शरीर में कहां-कहां फैली हुई है, इसका पता नहीं चलता है। इसके विपरीत, कमर की चौड़ाई पेट की चर्बी से अधिक जुड़ी होती है।
डॉ. मिंग सन, डॉ. जोसेफ फ्रिट्ज और डॉ. तान्जा स्टॉक्स द्वारा किए गए कैंसर के अध्ययन में बताया गया है कि यह अंतर बेहद महत्वपूर्ण है। पेट के अंदर के अंगों के चारों ओर जमा होने वाली चर्बी, जिसे विसरल फैट (visceral fat) कहते हैं, शरीर में अधिक मेटाबोलिक एक्टिव होती है और यह इंसुलिन प्रतिरोध, इंफ्लेमेशन और खून में असामान्य वसा स्तर जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इसलिए, एक जैसे बॉडी मास इंडेक्स वाले लोगों में भी, शरीर में चर्बी का बंटवारा अलग होने की वजह से, कैंसर का खतरा भी अलग-अलग हो सकता है।
3 लाख से अधिक पुरुषों पर Cancer का अध्ययन
स्वीडन में इस अध्ययन को किया गया है। अध्ययन के लिए साल 1981 से 2019 तक करीब 3,39,190 लोगों के स्वास्थ्य आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जिनकी बीएमआई और कमर की चौड़ाई मापी गई थी। इनमें से 61 प्रतिशत माप डॉक्टरों द्वारा ली गईं, जबकि 39 प्रतिशत लोगों ने खुद अपनी जानकारी दी इन लोगों की औसत उम्र 51.4 वर्ष थी। कैंसर से जुड़ी जानकारी स्वीडन के कैंसर रजिस्टर से ली गई।
शोधकर्ताओं ने बीएमआई और कमर की चौड़ाई के आधार पर मोटापे से जुड़े कैंसर के जोखिम की तुलना की। इस तुलना को करते वक्त उम्र, धूम्रपान की आदतें, शिक्षा, आय, जन्म स्थान और वैवाहिक स्थिति जैसे कई कारकों को ध्यान में रखा गया।
पेट में जमा चर्बी कैंसर का कारण
करीब 14 साल के औसत अध्ययन काल में 18,185 मोटापे से जुड़े कैंसर के मामले सामने आए। जब बीएमआई को ध्यान में रखते हुए विश्लेषण किया गया, तब भी पुरुषों में अधिक कमर की चौड़ाई कैंसर के खतरे से जुड़ी रही। इसका मतलब है कि पेट की चर्बी से कैंसर का खतरा केवल बड़े शरीर के कारण नहीं, बल्कि विशेष रूप से पेट में जमा चर्बी के कारण होता है। ये भी गौर करने वाली बात है कि महिलाओं में यह संबंध कमजोर पाया गया जबकि, बीएमआई व कमर की चौड़ाई दोनों के लिए समान था।
पुरुषों में, पेट की चर्बी से मोटापे के कारण होने वाले कैंसर का खतरा बना रहा। इससे पता चलता है कि पेट की चर्बी एक अलग खतरा है, चाहे उस व्यक्ति का वजन या शरीर में चर्बी का बंटवारा कैसा भी हुआ हो। वहीं, महिलाओं में, पेट की चर्बी और शरीर के वजन दोनों का खतरा कम था, और लगभग बराबर था। शोधकर्ताओं के मुताबि, इसका कारण यह हो सकता है कि पुरुषों के शरीर में चर्बी ज्यादातर पेट के अंदर जमा होती है, जबकि महिलाओं में यह त्वचा के नीचे और शरीर के अन्य हिस्सों में अधिक होती है। साथ ही इस अध्ययन में यह भी सुझाव दिया गया कि यदि कूल्हों की चौड़ाई को भी अध्ययन में शामिल किया जाए, तो महिलाओं में कमर की चौड़ाई और कैंसर के बीच संबंध को और बेहतर तरीके से समझा जा सकता है।
हालांकि, इस स्टडी में भले महिलाओं के पेट या कमर की चर्बी कैंसर का कारण नहीं है। लेकिन, इसे सही नहीं ठहराया जा सकता है। क्योंकि, इससे और भी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
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